एम सलीम खान ब्यूरो
दिल्ली सहित पूरे देश में ईद उल अजहा का त्यौहार 17 जून को बनाया जाएगा, अलग-अलग मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस मामले में अहम जानकारी दी है, दिल्ली के चांदनी चौक की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बीते रोज पीटीआई भाषा को जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के आसपास में जुम्मे की शाम को बादल छाए रहने की वजह से चांद का दीदार नहीं हो सका, लेकिन देर रात गुजरात तेलंगाना के हैदराबाद और तमिलनाडु के चेन्नई से इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने जुल हिज्जा का चांद दिखने की बात कही गई है।
किस दिन होती है बकरीद?
शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि लिहाज ईद उल अजहा का त्यौहार 17 जून को मनाया जाएगा, मुफ्ती साहब ने बताया कि ईद उल फितर के मुताबिक बक़रीद का पर्व चांद दिखाई के दस दिन बाद मनाया जाता है, इसी के मुताबिक फोरन ऐलान करने की कोई तात्कालिकता नहीं थी, और अलग-अलग राज्यों में चांद दिखाई देने की खबरें सामने आई है, लेकिन इत्मीनान का इंतजार किया जाएगा।
मुस्लिम इस्लामी कैलेंडर में 29-30 दिन होते हैं, ईद उल अजहा या बकरीद ईद उल फितर के दो महीने नौ दिन के बाद मनाईं जाती है, मुस्लिम धर्म के संगठन इमारत ए शरिया हिंद ने कहा कि आठ जून को उर्दू कैलेंडर के आखिरी महीने जिल हिज्जा 1445 की पहली तारीख है और ईद उल जुहा 17 जून सोमवार को मनाईं जाएगी।
जमीयत उलेमा ए हिंद से संबंधित संगठन ने एक बयान में जानकारी दी कि गुजरात सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में ईद उल अजहा का चांद दिखाई दिया है,जामा मस्जिद के पूर्व इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी 17 जून को ईद उल अजहा बनाने की पुष्टि की है।
किस शख्स पर वजीब है कुर्बानी?
ईद उल अजहा पर किस शख्स को वजीब है कुर्बानी देना चलिए हम आपको कुछ अहम जानकारी देते हैं, इस्लामी रित रिवाज के मुताबिक पैगंबर इब्राहिम ने अपने बेटे इस्माइल को इसी दिन यानी ईद उल अजहा के दिन अल्लाह के हुक्म के मुताबिक अल्लाह की राह पर कुर्बान करने जा रहे थे,जिस पर अल्लाह ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया और वहां एक जानवर की कुर्बानी दी गई थी, जिसके बाद से यह त्योहार मनाया जाता है, तीन दिनों मनाने वाले ईद उल अजहा का त्यौहार में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अपने हैसियत से उन जानवरों की कुर्बानी दी जाती है, जिससे भेड़ बकरा, भैंसा, ऊंट शामिल हैं,यह सभी भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंध नहीं किए गए हैं, मुफ्ती मोहम्मद आजम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 613 ग्राम चांदी है या इसके बराबर की रकम है या कोई और माल सामान है, उन्हें कुर्बानी देना वजीब है।