देश में इस समय जिस तरह धर्म मजहब और जातिवादी मामलों धार रखकर इस्तेमाल कर विभिन्न धर्मों के प्रति नफरती राजनीतिक की जा रही है, तो वहीं इस दौर में ऐसे भी लोग हैं जो कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे देश की कौमी एकता और धर्म निरपेक्षता कों मजबूती प्रदान होता है, ऐसी ही एक मिसाल उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले शैलेन्द्र चौहान ने पेश की है, दरअसल शैलेन्द्र चौहान को दो मुस्लिम समुदाय के लोग मिलें,जो रोज़े से लेकिन रेलवे स्टेशन पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी जेब काट ली जिसके कारण उनके पास रोजा इफ्तार करने के लिए कुछ नहीं था,यह दोनों व्यक्ति शैलेन्द्र चौहान को रेलवे स्टेशन से बाहर मिलें,इनके चेहरों की मायूसी देखकर शैलेन्द्र ने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने सारी कहानी बता दी,यह सुनकर शैलेन्द्र भी चिंता में पड़ गए इनके इफ्तार के लिए क्या इंतेजाम किया गया,उस वक्त उनकी जेब भी खाली थी, जिसके बाद शैलेन्द्र के दिमाग में एक आइडिया आया, उन्होंने अपनी रैंजर्स साईकिल को एक हजार रुपए में गिरवी में रख दिया,उन पैसों से उन्होंने रोजा इफ्तार के लिए कुछ फल पेय पदार्थ खरीदें और घर ले जाकर उनका रोज़ा इफ्तार कराया, इतना ही नहीं उनकी बुजुर्ग मां नंदनी ने उनके लिए अनेक तरह के पकवान बनाए जिसके बाद उन्होंने रोजा इफ्तार किया, आसपास के रहने वाले अन्य लोगों ने शैलेन्द्र चौहान के इस काम की जमकर तारीफ की वहीं पड़ोसियों ने उनकी साइकिल छुडा कर उनके हवाले कर दी।काश हमारे देश में फिर से एक बार कौमी एकता और अखंडता को मजबूत करने में अपना योगदान दे तो भारत दुनिया भर में एक नई मिसाल बनकर उभरेगा।
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संवाददाता-विकास चतुर्वेदी की रिपोर्ट
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