बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव का जिक्र कर बजट पर सवाल उठाए, बोली 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन का मोहताज जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ता

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उत्तर प्रदेश – बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने लोकसभा चुनावों का जिक्र करते हुए बजट पर सवाल उठाए हैं। बृहस्पतिवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर की गई पोस्ट में उन्होंने लिखा कि केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले संसद में पेश बजट जमीनी वास्तविकता से कोसों दूर है। चुनावी लुभावने वाला बजट ज्यादा है। बजट में देश की गरीबी, बेरोजगारी व बढ़ती हुई महंगाई से त्रस्त जीवन को नकारना दुखद व चिंतनीय है। उन्होंने एक ओर पोस्ट में सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि देश की अर्थव्यवस्था और विकास संबंधी सरकारी दावों व वादों में जमीनी सच्चाई होती तो फिर यहां के 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन का मोहताज जीवन जीने को मजबूर नहीं होना पड़ता। *बजट से युवाओं किसानों और मध्यम वर्ग को निराशा हुई। मायावती ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर वित्त मंत्री झूठ बोल रही है कि देश में 11 करोड़ कृषकों को किसान सम्मान निधि भेजी जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि 2.29 करोड़ किसानों का नाम काट दिया गया है। अन्नदाता किसान की आय 27 रुपए प्रति दिन की दर से घटी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दस साल के कार्यकाल में सिर्फ धर्म और मजहब की राजनीति को बढ़ावा देने काम किया है। उन्होंने कहा इस बजट में युवाओं महिलाओं किसानों को नजरंदाज किया है। केन्द्र सरकार जो कहती हैं वो काम तो होता ही नहीं है। सरकार ने खान पान जैसी वस्तुओं को भी जीएसटी के दायरे में लेकर आम जनता का जीवन दुश्वार कर दिया। इसके अलावा भी उन्होंने कई मुद्दों पर केन्द्र सरकार को घेरा।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


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