पुलिस की असली वर्दी को पहनकर चकमा देने वाली फर्जी युवती गिरफ्तार

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एम सलीम खान प्रभारी संपादक

दि न्यूज डायरी – तेलंगाना रेलवे पुलिस ने मालविका नामक एक युवती को गिरफतार किया है, मालविका पुलिस की असली वर्दी में नकली दरोगा बनकर जम रोब ग़ालिब करते हुए यात्रियों की खून पसीने की कमाई पर डाका डालतीं थी, वहीं मालविका ने फर्जी पुलिस दरोगा बनकर लोगों को तो गुमराह किया ही कुछ आला पुलिस अफसरान भी झांसे में आ गए, लेकिन रेलवे पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।

बेख़ौफ़ होकर आने जाने वाले यात्रियों के सामान की तलाशी करती फर्जी दरोगा मालविका

रेलवे पुलिस के निरीक्षक कार्यालय में इस मामले का पर्दाफाश किया गया, रेलवे पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक अनिल राव ने बताया कि मालविका तेलंगाना रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले ट्रेन में सवार यात्रियों के माल आदि की बेहद शातिर ढंग से तलाशी लेती थी, रेलवे नियमों का उल्लघंन करने का खौफ दिखाकर उनसे पैसे वसूला करती थी, हैरान कर देने वाली बात यह है कि उसे रेलवे पुलिस के सारे कायदे कानून अच्छी तरह पता थे, कानूनी कार्रवाई से डर कर लोग उसे रुपए देकर मामला रफा-दफा करने का निवेदन करते थे और मालविका मोंटे रुपए लेकर उन्हें छोड़ दिया करती थी।

स्थानीय एक व्यक्ति ने की थी शिकाय

रेलवे स्टेशन पर कथित तौर पर वसूली की शिकायत एक व्यक्ति ने स्टेशन प्रबंधक से की तों उनके होश उड़ गए, उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे पुलिस को इसकी जानकारी दी, और दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए, लेकिन रेलवे पुलिस इस बात से इंकार कर रही थी, उसके बाद शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति ने फर्जी महिला दरोगा की फोटो पुलिस को दिखाईं, पुलिस भी हैरत में पड़ गई की उसके स्टाफ में कोई महिला दरोगा है ही नहीं तो यह कौन है,हा कुछ महिला सिपाही है, जिसके बाद पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर लगें सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो मालविका लोगों से अवैध वसूली करते नजर आईं, जिसके बाद पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर जाल बिछाया और 30 मार्च को उससे उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वो एक ट्रेन से उतारें यात्रियों का सामान चैक कर रही थी, पहले तो उसके तेवर देख कर पुलिस भी उसे असली दरोगा समझ बैठी, लेकिन जब उससे तैनाती स्थान की जानकारी ली गई तो वह इधर उधर पुलिस को गुमराह करने लगीं, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

दर्जी को 1200 रुपए देकर सिलाई थी वर्दी

मानविका ने तेलंगाना में एक दर्जी को 1200 रुपए देकर पुलिस की वर्दी सिलाई थी, पुलिस ने वर्दी पर लगें लेबल के जरिए टेलर को भी बुलाया तो टेलर अमर ने बताया कि मालविका उसकी दुकान पर आई थी, और खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए एक वर्दी सीने का आर्डर दिया था, उसने कहा था कि उसे जो वर्दी विभाग से मिली थी वो खो गई है जिसके बाद उसने वर्दी सिलाई थी।

तेलंगाना पुलिस के हवाले किया गया मालविका को

रेलवे पुलिस ने सारी जांच पड़ताल के बाद मालविका को पुलिस के सुपुर्द कर दिया, पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर धारा 420,384,467,468,120बी की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है ‌।


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