आप विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, दी सख्त टिप्पणी

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दिल्ली – दिल्ली वफ्फ बोर्ड में भर्ती मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया है, उच्च न्यायालय ने कहा कि ईडी की ओर से बार बार समन जारी होने के बाद भी अमानतुल्लाह खान जांच में शामिल नहीं हुए,उनका यह रवैया जांच में अड़चनें पैदा करने जैसा है,वह एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के बाद अपनी जिम्मेदारियों का हवाला देकर जांच में शामिल होने से नहीं बच सकते हैं, अदालत ने कहा कि कानून सबके लिए एक बराबर है, कोई विधायक या जनप्रतिनिधि कानून से ऊपर नहीं है, ईडी हमें भी समन जारी करेगी तो हम भी पेश होंगे,

अमानतुल्लाह खान के ऊपर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहने के दौरान काम करते हुए मानदंडों और सरकारी दिशा-निर्देश का उल्लघंन करते हुए अवैध रूप से विभिन्न लोगों की नियुक्तियां कराईं थी, ईडी ने आरोप लगाया है कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वफ्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के एवज में मोटी रकम ली है,खान ने इस रकम को अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश भी किया था,

अमानतुल्लाह खान के विरुद्ध मनी लांड्रिंग की जांच पड़ताल दिल्ली वफ्फ बोर्ड द्वारा भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़ी हुई है,खान पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहने के दौरान काम करते हुए करीबन 33 लोगों की अवैध रूप से नियुक्तियां की थी,इस मामले में ईडी ओखला विधायक के ठिकानों पर पहले ही छापेमारी की कार्रवाई कर चुकी हैं, ईडी का दावा है कि खान ने दिल्ली वफ्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति से अपराध की मोटी रकम अर्जित की है,

अदालत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत अर्जी को अस्वीकार करते हुए जज ने कहा बार बार जांच एजेंसी के समन को नजरंदाज करना जांच में रुकावट पैदा करने के समान है, जांच में खलल पैदा करना प्रशासन के न्याय में खलल पैदा करने जैसा है, और इसे अनुमति देने पर क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर विश्वास को कम करने जैसा है, और इससे अराजकता पैदा होती है, अदालत ने कहा कि विधायक कानून से ऊपर नहीं है, कोर्ट ने आगे कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है, एक पब्लिक फिगर का जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना एक सार्वजनिक सेवा है, और लोगों को जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपो की सच्चाई जानने का हक है, एक विधायक की इस तरह की लापरवाही बेहद चिंताजनक है।

संवाददाता-एम सलीम खान/शबाना आजमी की रिपोर्ट


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