हेमंत सोरेन मामले में आया नया मोड़,जिस 8.5 एकड़ जमीन के लिए हुईं गिरफ्तारी वो असल में….. पढ़ें पूरी ख़बर

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झारखंड – जमीन घोटाले से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल में जो जानकारी शीर्ष अदालत को दी थी उसके आधार पर उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। इस आवेदन में कहा गया है कि बरियातू की जिस 8.5 एकड़ जमीन को हड़पने की कोशिश में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था उस जमीन का पूरा इतिहास हेमंत सोरेन ने याचिका के साथ अटैच किया था। 29 जनवरी को हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास में ईडी ने छापेमारी की थी। इस मामले में 14 अगस्त 2023 को हेमंत सोरेन को पहला समन भेजा गया था।एस ए आर कोर्ट ने ये आदेश है कि पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका के साथ एस ए आर केस नंबर 81/23-24 में रांची की विशेष रेगुलेशन अधिकरी मनीष तिर्की की अदालत से 29 जनवरी 2024 को जारी आदेश की कापी भी अटैच की गई है।यह केस राजकुमार पाहन बनाम बुधन राम व अन्य से संबंधित था, जिसमें एस ए आर कोर्ट ने अंचलाधिकारी की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह आदेश दिया था कि उक्त जमीन सीएनटी एक्ट के अधीन है जिसकी गलत तरीके से खरीद ब्रिकी जमाबंदी की गई है। उस जमीन पर गलत तरीके से की गई जमाबंदी को निरस्त करते हुए उस पर निर्मित निर्माण को ध्वस्त कर उस जमीन को मूल रैयत को वापस करें।उस जमीन की जांच रिपोर्ट में बडगोई अंचल के समक्ष पदाधिकारियों ने जबाव दिया था कि आवेदक राजकुमार पाहन के नाम पर बाकास्त भुइहरी पहन ई जमीन व बुधू पाहन और अन्य के नाम पर कुछ जमीन है। इस जमीन पर बहुत से गैर आदिवासियों ने अवैध रूप से खरीद ब्रिकी की और उनके नाम पर जमाबंदी व कब्जा है।एस ए आर कोर्ट से उन्हें नोटिस दिया गया लेकिन वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद जमीन खाली करने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। यह सीएनटी एक्ट के तहत आवेदन आदेश जारी हुआ है।

छापेमारी के बाद जमीन वापसी की तेज हुई प्रक्रिया

ईडी की छानबीन में इस बात का की पुष्टि है कि जमीन घोटाले मामले में बड़गाईं अचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद की गिरफ्तारी उनके ठिकानें से बरामद दस्तावेज मोबाइल फोन में मिलें सबूत के बाद ईडी की कार्रवाई सक्रिय हुई।भानु के मोबाइल में बांस की जिस जमीन का तस्करा था उसके संबंध में भानु ने ईडी को बताया था कि वह हेमंत सोरेन की जमीन है। जबकि जमीन के दस्तावेज में कहीं भी हेमंत का नाम दर्ज नहीं है। ईडी की जांच पड़ताल में स्पष्ट हुआ है कि उनसे व उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर उक्त जमीन के नकली दस्तावेज तैयार कर हड़पने की कोशिश चल रही है। इससे पहले ईडी की दबिश बढ़ गई थी।जब जमीन का इतिहास खंगाला जाने लगा और इस मामले में हेमंत को 14 अगस्त 2023 को पहला समन जारी किया गया उसके बाद ही सरकारी तंत्र दस्तावेज को संभालने में जुट गया। बड़गाईं अचल की जांच रिपोर्ट एस ए आर कोर्ट का आदेश उसी कारवाई का एक बड़ा हिस्सा है। इस जमीन स्वामी के जरिए से आवेदन दिलवाने से लेकर उसके पक्ष में फैसला आने तक की कार्रवाई शामिल हैं।29 जनवरी को जब जमीन घोटाले मामले में ईडी ने हेमंत के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी उसी दिन एस ऐ आर कोर्ट का जमीन वापसी को लेकर फैसला भी आ गया था।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


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