पुलिस ने वकीलों को बेरहमी से पीटा,हाईकोर्ट ने सम्मान में १ रुपए का मुआवजा देने को कहा

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एम सलीम खान/तौसीफ अहमद

यूपी हाईकोर्ट – इलाहाबाद हाईकोर्ट का हाल ही में दिया गया एक आदेश चर्चा में बना हुआ है,इस अदालत ने सरकार को आदेश दिया है कि वे वरिष्ठ अधिवक्ता को 1 रुपए का मुआवजा दे, कोर्ट ने इसे टोकन आफ रिस्पेक्ट कहा है, एक तरह की सम्मान राशि मामला 20 साल पुराना है, जिसमें विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों ने वकीलों के साथ मारपीट की थी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2004 में कुछ वकील शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे,इस दौरान पुलिस ने वकीलों की पिटाई कर दी थी, इससे कुछ प्रदर्शनकारी वकील घायल हो गए थे, इसी के खिलाफ वरिष्ठ वकील अशोक निगम ने साल 2007 में याचिका दायर की थी, इसमें उन्होंने मुआवजे के साथ साथ आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी, रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में खुद डा अशोक निगम भी घायल हो गए थे।

इससे पहले 20 मार्च 2024 को इस मसले पर सुनवाई हुई थी,तब हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने मामले को काफी पुराना बताते हुए वरिष्ठ वकील से पूछा था, “आप कितने मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं?

इसके जवाब में निगम ने कहा था हम कोर्ट की ओर से निर्धारित किए गए किसी भी मुआवजे को स्वीकार करेंगे क्योंकि हमारी लड़ाई वकीलों के समान के लिए है,

इसके बाद कोर्ट ने कहा

वरिष्ठ वकील और याचिकाकर्ता डा अशोक निगम के सम्मान को देखते हुए हम प्रतिवादीयो को टोकन आफ रिस्पेक्ट के तौर पर याचिकाकर्ता को मुआवजे के तौर में 1 रुपए का भुगतान करने के आदेश देते हैं, अदालत ने फैसला देते ही केस को बंद कर दिया है।


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