कोचिंग सेंटर में छात्रों को मिलते थे इतने रुपए,हर महीने लाखों करोड़ों की कमाईं,राज जान कर हैरान रह गई पुलिस

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 एम सलीम खान प्रभारी संपादक की रिपोर्ट 

बिहार के मुजफ्फरपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, मुजफ्फरपुर में पुलिस के नाम पर बीते कुछ दिनों से लगातार साइबर ठगी की वारदातें सामने आ रही थी, साइबर ठगों द्वारा पुलिस के नाम पर लोगों को फोन कर उनके बेटे या अन्य किसी परिजन को गिरफतार होने और उन्हें कड़ी सजा देने की बात कहते हुए और इसके बाद स्वजनों को दहशत देते हुए मोटी रकम वसूल की जा रही थी, सिर्फ एक माह में इसी तरह के दर्जनों मामले पुलिस के सामने आए थे, जिसके बाद साइबर पुलिस सतर्क हो गई, मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई, जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग जनपदों से 5 लोगों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया, पुलिस के शिकंजे में आएं आरोपियों ने बहुत ही हैरान कर देने वाला खुलासा किया,

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस गैंग का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है, मामले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि अलग-अलग जनपदों से छह साइबर ठगों को गिरफतार किया गया है, जिनके पास से 4 लैपटॉप 19 बैंकों की एकाउंट बुक,8 चैक बुकें,5 पैन कार्ड,7 मोबाइल फोन और सिम कार्ड सहित बैंक के बहुत से कागजात बरामद किए गए हैं,

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के मुताबिक साहेबगंज के इन शातिर दिमाग ठगों द्वारा एक कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर चलाया जा रहा था, जहां टूनिग लेने वाले छात्रों के नाम पर बैंक में खाते खुलवाए जाते थे, इसके एवज में सभी छात्रों को एक निश्चित धनराशि दी जाती थी, साइबर ठगों के गिरोह के मास्टरमाइंड अरशद आलम और अमजद आलम को मोतिहारी, वहीं अंकित, रोशन ठाकुर और दीपक यादव को दरभंगा और जितेन्द्र सिंह को जनपद मुजफ्फरपुर के साहेबगंज क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया,इस गैंग का महज़ एक महीने में करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन की बात सामने आई है,

एस एस पी कुमार ने बताया हमने 15 लाख रुपए के करीब धनराशि को फ्रीज भी कर दिया है,जो कि इन ठगों के द्वारा साइबर ठगी के जरिए हड़पी गई थी, सभी आरोपी लंबे अर्से से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे, और समय-समय पर अपने काम करने के ढंगों को बदलते रहते थे, साइबर ठगी के बहुत से तरीके का इस्तेमाल किया करते थे, पिछले एक महीने से सभी आरोपी लोगों को फोन कर बेटे या अन्य किसी व्यक्ति को गिरफतार होने का और उन्हें कड़ी सजा देने की बात कहते उन्हें डरते धमाकते थे, और इसके बाद मोटी रकम वसूल किया करते थे, तीन देशों से भी आरोपियों के संपर्क थे, इंटरनेट कालिंग कर यह ठग ठगी किया करते थे, ताकि कोई काल रिकार्ड नहीं कर सकें।


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