यूपी पुलिस में एक अफसर ऐसा भी जो वाहनों के नहीं करते चालान,गिफ्ट देकर प्यार से पढ़ाते हैं यातायात नियमों का पाठ

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गोन्डा – कहते हैं जिस्म पर वर्दी पहने सिपाही हो या कोई आला अधिकारी आम जनता पर कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ते है। लेकिन पुलिस विभाग में ऐसे भी अधिकारी हैं जो अपने सरल स्वभाव और मीठी भाषा के लिए अक्सर चर्चा में आ जाते हैं। अगर आप यातायात नियमों का उल्लघंन करते पाए जाते हैं तो आपकी बाईक की चाबी जबरदस्त छीन ली जाती है। उसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस अफसर अपको हड़कते हुए चालान शीट भरना शुरू कर देता है।षिर आप शुरू कर देते हैं आग्रह गुजारिश हाथ पैर जोड़ने सिलसिला शुरू कर देते हैं। लेकिन चलाएं आपको एक ऐसे पुलिस अफसर से मिलते हैं जिनके कंधों पर लगे सितारों के अशोक स्तंभ भी चमकता है। पीछे पुलिस कर्मचारियों और अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों की लंबी चौड़ी फौज भी है। लेकिन उनका मिजाज आम जनता के साथ बेहद साधारण और परिवारिक रहता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के जिस जनपद में भी अपनी सेवाएं दी वहां की जनता के दिलों में अहम भूमिका बना ली जब उसकी गाड़ी उनके आवास से आफिस के लिए बाहर निकलती है आम जनता उन्हें आदर से नमस्ते सलाम करते हैं। वहीं उनके द्वारा भी गाड़ी रोककर बेहर सरलता से उतर दिया जाता है बल्कि वो उनका हालचाल भी पूछते हैं। उनके पास आने वाले फरियादी भी उनके सामने अपनी समस्याओं को भूल जाते हैं।उनकी भाषा और सरल स्वभाव से आम जनता को बडी राहत मिलती है। उनके पास आने वाली जन समस्याओं का भी निराकरण भी 24 घंटे के भीतर हो जाता है। अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें अलग रुप में देखा जाता है। उनकी समस्याओं और दिक्कतों को भी यह अधिकारी गंभीरता से उनका निराकरण करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के लिए जाने जाते हैं। पुलिस के आला अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी इनके बड़े मुरीद हैं।हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एस पी सिटी मनोज आनंद कुमार की जिनके कंधों पर यहां एस पी यातायात की जिम्मेदारी भी है । उनके द्वारा रोज 6 बजे के बाद शहर की यातायात व्यवस्था का जायजा लेने खुद सड़कों पर उतरते हैं।इस दौरान उसके साथ मौजूद पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी आम जनता के साथ मधुर व्यवहार करते हुए दिखाई देते हैं। अगर व्यक्ति बिना हेलमेट बिना लाइसेंस या तीन सवारियां के साथ बाइक चलते हुए दिखाई देते हैं तो उसका चालान नहीं बल्कि उसे किसी तरह का गिफ्ट देकर उसे यातायात व्यवस्था का पाठ पढ़ाने के साथ नियमों का पालन करने का ज्ञान दिया जाता है। जिससे संबंधित व्यक्ति शर्मसार होकर आगे से यातायात नियमों पर चलाने का वादा करता है। ऐसा नहीं है कि फिर वह व्यक्ति यातायात नियमों का उल्लंघन करें ।उनकी बातों का असर सीवा दिल को छू जाता है। जिसके बाद संबंधित व्यक्ति फिर कभी नियमों का उल्लंघन नहीं करता है। बल्कि लोगों उनके साथ सेल्फी लेकर इस बात को हमेशा याद रखते हैं। बहुत से लोग उनके इस व्यवहार की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर ऐसे पुलिस अधिकारी को सैल्यूट कर रहे हैं। लोगों का कहना है अगर इसी तरह का सलूक अन्य पुलिस अधिकारी भी करें तो यातायात नियमों का उल्लघंन करने वाले लोगों को बेहतर सबक मिलेगा। सोशल मीडिया पर उनकी जमकर प्रशंसा की जा रही है। अधिकतर युवा और युवतियों में उन्हें लेकर चर्चा ज्यादा है।

संवाददाता-धन्नजय राजपूत की रिपोर्ट


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