इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई स्पेशल जज को फटकार जुम्मे की नमाज अदा करने गए मुस्लिम वकील को ही बदल दिया

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एम सलीम खान ब्यूरो

इलाहाबाद – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है, कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के वकीलों के साथ भेदभाव किया है, मुसलमानों की प्रथाओं पर ऐसी टिप्पणियां की है,जो न्यायिक कदाचार के दायरे में आती है।

यह पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS,) ने दो मौलवियों मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम क़ासमी और अन्य लोगों के खिलाफ जबरन धर्मांतरण के आरोप लगाएं, हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 16 दिसंबर 2022 को आदेश दिया था कि ट्रायल की कार्यवाही जल्द पूरी की जाएं उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में ट्रायल प्रयास करके एक साल में पूरा किया जाए, मामला गया विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी की कोर्ट में, उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश अनुसार हर दिन सुनवाई शुरू कर दी।

19 जनवरी 2024 को शुक्रवार था, आरोपियों के वकील जुम्मे की नमाज अदा करने चले गए जिन अभियुक्तों के वकील मुस्लिम थे, अगले ही दिन कोर्ट ने उनके लिए एमीकस क्यूरी यानी न्यायमित्र नियुक्त कर दिया, ताकि अगर वो न मौजूद हो तो न्यायमित्र मामले के विचरण में सहयोग करेगा।

एक आरोपी मोहम्मद इदरीस ने हाईकोर्ट में विशेष जज के फैसलों को चुनौती दी,CRCP की धारा 482 के तहत याचिका दायर की बीती 5 मार्च को याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शमीम अहमद ने विशेष जज के आदेशों पर रोक लगा दी, फिर 11 मार्च को विशेष जज त्रिपाठी ने एमिकस क्यूरी की नियुक्ति वाले अपने आदेश पर रोक लगा दी, मगर केवल एक मामले में, बाकी अभियुक्तों को एमिकस क्यूरी देने का आदेश बरकरार रखा।

बीती 15 अप्रैल सोमवार को जब हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई तो जस्टिस शमीम अहमद ने विशेष जज पर सख्त टिप्पणियां की, कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के 5 मार्च वाले आदेश को ठीक से समझा नहीं, और विशेष जज ने न्यायमित्र के अनुच्छेद 15 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लघंन है,ये धार्मिक विभेद की श्रेणी में आता है,ऐसा आदेशों की वजह से कुछ अभियुक्त अपनी पसंद के वकीलों से वंचित रह जाते हैं।

कोर्ट ने माना है कि विशेष जज का आदेश कदाचरण की श्रेणी में आता है और इसलिए विशेष जज को हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश दिए, वो आए और उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी, कोर्ट ने उनसे 18 अप्रैल यानी आज व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा।


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