सीएए विरोध पर अड़े अमेरिकी राजदूत अल्पसंख्यको को लेकर भारत को दिया भाषण,पन्नू की धमकी पर क्या बोले?

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एम सलीम खान प्रभारी संपादक

वर्ड टीवी न्यूज _ U S,/India CCA – भारत में अमेरिका के राजदूत एरिका गासेर्टी ने सीएए के मुद्दे पर एक बार फिर से भारत को लोकतंत्र का ज्ञान दिया है,एरिक ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र का जरुरी हिस्सा होता है, उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों को संरक्षण भी लोकतंत्र में जरुरी है।

वाशिंगटन/नयी दिल्ली – अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नजदीक और भारत के राजदूत एरिका गासेर्टी ने एक बार फिर से नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए को लेकर भारत पर निशाना साधा है,साथ ऐरिक ने अपने पहले दिए गए बयान पर सफाई दी है,ऐरिक ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र का अहम हिस्सा होता है, उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों का संरक्षण भी लोकतंत्र में बेहद जरूरी है, उन्होंने का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सीएए और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर दोनों देशों में जुबानी जंग छिड़ी हुई है , भारत ने हाल ही में अमेरिकी राजनयिक को तलब किया था और अमेरिका के बयानों पर करारा जवाब दिया था।

अमेरिकी राजदूत ने सीएए को लेकर विवाद पर कहा था लेकिन आप सिद्धांत नहीं छोड़ सकते हैं, फिर चाहे आप अपने दोस्तों के कितने भी करीब क्यों न हो या यह आपके सबसे बड़े शत्रु का मामला हो,हम भी आपको अपने अपूर्ण लोकतंत्र के बारे में भी ऐसा करने के लिए आमंत्रित करते हैं,यह एकतरफा रास्ता नहीं है,ऐरिक के इस बयान को भारत ने तत्काल खारिज कर दिया था, भारत ने कहा कि अमेरिका की यह आलोचना गलत सूचना पर आधारित है, वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी सीएए को लेकर कहा था कि वह इससे चिंतित हैं, हमारी इस कानून पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और देख रहे हैं कि किस तरह से इसे लागू किया जाता है।

अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि इस कानून के तहत सभी समुदायों के साथ धार्मिक स्वतंत्रता और सामान व्यवहार मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांत है,सीएए के इस पूरे मामले में संयुक्त राष्ट्र ने भी आपत्ति जताई थी, इस पूरे विवाद के बीच भारत और अमेरिका में लगातार बयानबाजी का सिलसिला जारी है, भारत ने साफ कह दिया कि सीएए उसका आतिरिक मामला है, वहीं अमेरिकी राजदूत ने भी ताजा बयान देकर साफ कर दिया है कि वह अपने बयान से पीछे नहीं हटने जा रहा है, इससे लग रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अभी दोनों देशों के बीच तनातनी बरकरार रह सकती है।


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