ऐसे तो जजों का जीना मुश्किल हो जाएगा CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने किस बात पर जताई चिंता केन्द्र सरकार से मांगी मदद

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नई दिल्ली – रिटायर्ड जिला जजों को पेंशन में मिलने वाली धनराशि में सुप्रीम कोर्ट को भी चिंता में डाल दिया है, अदालत ने इस मामले में अर्टानी जनरल आर वेंकटरमण से न्यायासगत समाधान लाने में मदद करने को कहा है, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि हाईकोर्ट के कुछ जजों ने वेतन की अदायगी न होने पर सुप्रीम कोर्ट की चोखट पर दस्तक दी है, क्योंकि उन्हें जिला न्यायपालिका से पदोन्नति के बाद नये जीपीएस खाते आवंटित नहीं किए गए,

अखिल भारतीय न्यायधीश संघ की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई चन्दचूड ने बड़े सवाल किए, रिटायर्ड जिला जजों को 19000-20,000 रुपयों की पेंशन मिल रही है, लंबी सेवा के बाद वे आखिर कैसे जिंदगी चलाएंगे,

61-62 साल की उम्र में प्रैक्टिस नहीं कर सकते रिटायर्ड जज

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इसके साथ ही कहा यह उस तरह का आफिस है, जहां आप पूरी तरह से आक्षम हो जातें हैं,आप एका एक प्रैक्टिस में नहीं आ सकते और 61-62 साल की उम्र में हाईकोर्ट में नहीं जा सकते, इसके साथ ही उन्होंने कहा हम इसका उचित समाधान चाहते हैं, आप जानते हैं कि जिला न्यायाधीश वास्तव में पीड़ित हैं,

वहीं मामले में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अर्टानी जनरल ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे, इससे पहले अदालत ने दूसरे राष्टीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के बारे में निर्देश जारी किए थे, इसमें राज्यों को बकाया भुगतान चुकाने और उच्च न्यायालय को उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए समितियां बनाने के लिए कहा गया था,

सर्वोच्च न्यायालय ने पहले कहा था के शासन में नागरिकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक न्यायिक स्वतंत्रता केवल तभी तक सुनिश्चित की जा सकती है जब तक न्यायधीश वित्तीय गरिमा की भावना के साथ रह सकते हैं,

संवाददाता-शबाना आजमी/एस सलीम खान


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