IPC अब भारतीय न्याय संहिता 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे नए क्रिमिनल लॉ हिट एंड रन में बदलाव अभी लागू नहीं होगा

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नई दिल्ली- तीन कानूनों को बीते साल 21 दिसंबर 2023 को संसद की मंजूरी मिली थी, इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने 25 दिसंबर 2023 को तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएगा, सरकार ने शनिवार 24 फरवरी को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है। मसलन अब इंडियन पीनल कोड IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता क्रिमिनल प्रोसीजर कोड crpc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एबिडेड एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा।

नये कानून के लागूं होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थी, उनमें भी बदलाव होगा, जैसे हत्या के लिए लगाईं जाने वाली आई पी सी की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएंगी, ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी, हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएंगी, वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।

हालांकि हिट एंड रन के मुकदमे से संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा, केन्द्रीय गृह सचिव अंजय भल्ला ने जनवरी में कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (२) को लागू करने का फैसला अखिल भारतीय मोटर टांसपोर्ट कांग्रेस से सलाह के बाद ही लिया जाएगा।

*क्या था हिट एंड रन केस का प्रावधान*

ट्रक ड्राइवरो ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(२) के प्रावधान का कड़ा विरोध किया था,साथ ही देश भर में इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर हड़ताल की थी, इस धारा में प्रावधान है कि अगर किसी चालक की तेज रफ्तार डाइविंग से किसी राहगीर की मौत हो गई है और ड्राइवर बिना पुलिस में रिपोर्ट किए फरार जाता है तो यह अपराध गैर इरादतन हत्या की परिभाषा में आएगा,साथ ही आरोपी ड्राइवर को दस साल की जेल की कैद और सात लाख रुपए जुर्माना की सजा होगी।

*बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा*

पूर्व में दुष्कर्म की धारा 375,379 थी,अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है उसमें धारा 63,69 में दुष्कर्म को शामिल किया गया है, गैंगरेप को भी आगे रखा गया है, बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है, हत्या 302 थी,अब 101 हो गई है,18 साल से कम आयु की बच्ची से दुष्कर्म में आजीवन करावास और मौत की सजा का प्रावधान है, गैंगरेप के दोषी को बीस साल की जेल या जीवित रहने तक जेल में बंद रहने का प्रावधान किया गया है।

*तीन विधायकों से क्या बदलाव हुए*

बहुत सी धाराएं और प्रावधान बदल गए हैं,आई पी सी में 511 धाराएं थी,अब 356 शेष रह गयी है,175 धाराएं खत्म हो गई है,आठ नयी धाराएं जोड़ी गई है,22 धाराओं को सम्पात किया गया है, इसी तरह सी आर पी सी में 533 धाराएं बची है,160 धाराएं बदलीं गई है,9 नयी धाराएं जोड़ी गई है,9 खत्म हो गई है, पूछताछ से ट्रायल तक की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से करने का प्रावधान हो गया है,जो पहले नहीं था,

सबसे बड़ा बदलाव यह कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम तीन साल में देना होगा, देश में पांच करोड़ मुकदमे पेंडिंग हैं, इनमें 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में है, इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25.042 पदों में से 5.850 पद खाली हैं।

*भारतीय न्याय संहिता में क्या बड़े बदलाव हुए*

भारतीय न्याय संहिता BNS में 20 नये अपराध जोड़े गए हैं।

आगेनाइज्ड क्राइम हिट एंड रन माब लिचिग पर सजा का प्रावधान।

डाक्यूमेंट्र में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकार्ड को शामिल किया गया है।

आई पी सी में शामिल 19 प्रावधानों को हटाया गया है।

33 अपराधों में कारावास की सजा को बढ़ावा दिया गया है।

83 अपराधों में जुर्माना की सजा बढ़ा दी गई है।

छह अपराधों सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

संवाददाता-एम सलीम खान/शबाना आजमी की रिपोर्ट


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