मुफ़्ती सलमान अजहरी पर भड़काऊ भाषण का आरोप, हजारों समर्थकों ने पुलिस स्टेशन घेरा, तुरंत रिलीज़ करने की मांग

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गुजरात – भड़काऊ भाषण देने के कथित मामले में मुस्लिम धर्म गुरु मुफ्ती सलमान अजहरी को कथित तौर पर फंसाने के खिलाफ उनके हजारों समर्थक सड़कों पर उतर आए। पुलिस स्टेशन का घेराव कर उन्हें तुरंत रिलीज करने की मांग उठाई। दरअसल मुस्लिम धर्म गुरु मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस की संयुक्त टीम ने धर्म गुरु अजहरी को गिरफतार कर लिया। अजहरी को मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन लाया गया। जिसके बाद उनके हजारों समर्थक पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए।भीड ने उन्हें तुरंत रिलीज करने की मांग उठाई।

मुफ्ती को फोररी तौर पर रिहा करने की मांग करते हुए भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।इस दौरान मुफ्ती अपने समर्थकों को शांत करते दिखाई दिए। मुफ्ती ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि न मै कोई अपराधी हूं और न ही मुझे किसी अपराध के लिए यहां लाया गया है। ये लोग कुछ जरूरी जांच पड़ताल कर रहे हैं। जिसमें मैं इनकी मदद कर रहा हूं। अगर मेरी नियति है तो मैं गिरफ्तार होंने के लिए तैयार हूं। क्या है पूरा मामला अजहरी ने गुजरात के जूनागढ़ में एक भाषण दिया था। उनके भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद अजहरी ओर दो स्थानीय आयोजकों मौ. युसूफ मालेक और अजीम हबीब ओडोदरा के विरुद्ध आई पी एस की धारा 153 धार्मिक समुदाय को बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और 505 (2) भड़काऊ भाषण के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस मामले में दो अन्यो को गुजरात पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद धर्म गुरु अजहरी की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क किया गया। मुफ्ती के अधिवक्ता का कहना है कि रविवार 4 फरवरी को सुबह 35*40 पुलिस कर्मी सादे कपड़ों में उनके आवास पर पहुंचे। कथित तौर पर उस समय यह नहीं बताया गया कि वो उनके आवास पर क्यों आए हैं। आपको बता दें कि मुफ्ती के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने अपने भाषण में ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे समुदाय को चोट पहुंचाई जाए। पुलिस उन्हें बेवजह परेशान कर रही है। पुलिस वायरल वीडियो की सच्चाई की सही ढंग से जांच पड़ताल नहीं कर रहीं हैं। पुलिस ने एक तरफा कार्यवाही कर मुफ्ती को एक षड्यंत्र के तहत कथित तौर पर फंसाया है।


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