चंडीगढ़ मेयर चुनाव को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बताया लोकतंत्र का मज़ाक़ उड़ाया-पढ़ें यह ख़बर

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नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय में विपक्षी दलों के ओर से चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें आरोप पीठासीन अधिकारी ने ही मतपत्रों पर बनाए जिन्हें बाद में अमान्य करार दिया गया।इन मतपत्रों को अमान्य करार दिए जाने की वजह के बारे में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ नहीं बताया गया था।इन वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो रिकॉर्डिंग और मतपत्रों को सुरक्षित रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वीडियो देखने के बाद पीठासीन अधिकारी के बारे में कहा ये साफ है कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ हुई है, क्या इस तरह से चुनाव करवाए जाते हैं? इस आदमी पर मुकदमा चलना चाहिए,ये कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं और फिर किसी भगोड़े की तरह भाग क्यों रहे हैं। चंद्रचूड़ ने कहा पीठासीन अधिकारी मतपत्र में बदलाव करते दिखे हैं क्या ये एक रिटर्निंग ऑफिसर का बर्ताव होना चाहिए? वो कैमरे की ओर देखते हैं और मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हैं,, जिस मतपत्र के नीचे क्रास का निशान बना हुआ है उसे ये ट्रे में रख देते हैं जिस मतपत्र के ऊपर क्रास बना हुआ उसे ये बिगाड़ देते हैं और फिर कैमरे की ओर देखते हैं,, इनसे बताइए कि सुप्रीम कोर्ट इन्हें देख रहा है,,हम लोकतंत्र की ऐसे हत्या नहीं होने देंगे,,देश में स्थिरता लाने की सबसे अहम शाक्ति चुनाव प्रक्रिया की शुचिता है। इस मामले की सुनवाई कर रही बेच में चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी परदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा है। सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की ओर से दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि चुनाव के दिन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो सामने आए थे, उनमें देखा जा सकता है कि पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिख रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि पीठासीन अधिकारी ने ही मतपत्रों पर निशाना बनाए, जिन्हें बाद में अमान्य करार दिया गया वहीं इन मतपत्रों को अमान्य करार देने की वजह भी नहीं बताईं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली तिथि मुकर्रर कर दी है। लेकिन अगर जानकारों की मानें तो चंडीगढ़ मेयर चुनाव को सुप्रीम कोर्ट फिर से सम्पन्न करने का फैसला दे सकता है। क्योंकि इन चुनावों में नियमों को ताख पर रख कर कराया गया है। राजनीति विशेषज्ञ डॉ भानू प्रताप सिंह का कहना है अगर सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़ मेयर चुनाव को दूबरा करने के आदेश देता है तो यह बात भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद नुकसानदायक होगी। क्योंकि लोकसभा चुनाव भी सम्पन्न होने हैं। लोकसभा चुनावों पर इसका असर पड़ेगा और बीजेपी को कुछ हद तक नुकसान उठाना पड़ेगा।। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत में जो वीडियो पेश किए गए हैं उनसे यह साफ दिखाई दे रही है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में काफी हद तक गड़बड़ी की गई है इसका संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट इन चुनावों को दूबरा करने के आदेश दे सकता हैं।

संवाददाता-एम सलीम खान की ख़बर


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