तो क्या आज़म खां पर और भी मजबूत होगा कानूनी शिकंजा इन 22 मामलों में गुरुवार को सुनवाई की गवाहों को तलब करने के मुकर्रर की 18 अप्रेल

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एम सलीम खान/तौसीफ अहमद ब्यूरो

रामपुर उत्तर प्रदेश – जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के करीब 27 मामलों में से 22 मामलों में गुरुवार को एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और उनके परिवार के चार सदस्यों और चमरौवा के सपा विधायक नसीर खां सहित 12, लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए, अदालत ने गवाहों को हाजिर होने के लिए 18 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी है।

 अब्दुल्ला आज़म दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में दो साल की सजा काट रहे हैं सपा नेता आजम खां की मुश्किलें और बढ़ रही है, किसानों की जमीन कब्जाने के मामलों में उनके परिवार पर आरोप तय कर दिए गए हैं,साल 2019 में अजीमनगर थाना क्षेत्र के आलियांगज के रहने वाले हनीफ खां, जुम्मा कल्लन मियां यासीन रफीक बंदे अली नब्बू भुल्लन शरीफ मुस्तकीम अमीर आलम, मोहम्मद आलिम जाकिर और बशीर बद्र की ओर से अजीमनगर थाने में 27 मुकदमे दर्ज कराए गए थे।

एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल के जज शोभित बंसल ने आरोपियों द्वारा पेश किए गए डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया और सभी आरोपियों पर आरोप तय कर दिए, वहीं कोर्ट ने गवाहों को हाजिर होने को कहा है,अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी, सुनवाई के दौरान सपा विधायक नसीर अहमद खां और लेखपाल आनदवीर कोर्ट में पेश हुए, जबकि शेष आरोपियों शेष आरोपियों की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।

ये आरोपी शामिल, एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है सुनवाई

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मामले में सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातमा बेटे अदीब आज़म खां अब्दुल्ला आज़म खां बहन निखहत अखलाक चमरौवा विधायक नसीर अहमद खां तत्कालीन सीओ आले हसन थाना प्रभारी कुशलवीर सिंह जकी उर रहमान सिद्दीकी मुश्ताक अहमद सिद्दीकी फसी जैदी लेखपाल आनदवीर सिंह आरोपी हैं, सभी मुकदमों की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है।

पूर्व थाना प्रभारी पर 15 और लेखपाल पर 3 मामले

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी के मुताबिक अजीमनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह के खिलाफ 15 जबकि लेखपाल आनदवीर के खिलाफ तीन मामलों में आरोप तय किए गए हैं।

जमीन की कीमत दिए बगैर ही बैनामा कराया

किसानों ने आरोप लगाया था कि उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा किया गया,उनको बंधक बनाया गया और जमीन की कीमत दिए बगैर ही बैनामा करा लिया गया।


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