एम सलीम खान ब्यूरो
रूद्रपुर – जनसंख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है बढ़ते हुए शहरीकरण एवं आद्यौगिकरण, विकास कार्यों में तेजी तथा कृषि क्षेत्रों में अधिक जल खपत के कारण पानी की मॉग भी बढ़ रही है। भू-जल का अधिक दोहन के कारण भू-जल का स्तर प्रतिवर्ष 4 से 5 फीट गिरता जा रहा है। ऐसे में वर्षा जल का संग्रहण कर अधिकाधिक उपयोग अति आवश्यक हो जाता है। जिलाधिकारी उदयराज सिंह के निर्देशन में अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई सुशील कुमार द्वारा वर्ष 2023-2024 में 148 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण किया गया जिससे 6000 लाख लीटर पानी प्रति हेक्टयर जल रिचार्ज होगा।
अधिशासी अभियन्ता सुशील कुमार ने बताया कि वर्षा के समय वर्षा जल का कुछ भाग भूमि सतह के नीचे रिसकर प्राकृतिक रूप से भू-जल में मिल जाता है। जिससे भू-जल भण्डार में वृद्धि होती है। यह एक धीमी प्रक्रिया है और अधिकांश वर्षा का जल व्यर्थ बह जाता है। बहते हुए जल को संग्रहित करके भू-जल स्तर को जल संवर्द्धन, जल सम्भरण आदि के द्वारा बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए रिचार्ज शाफ्ट रिचार्ज कूप, हार्वेस्टिंग टैंक आदि का निर्माण कार्य कराया जाना अति आवश्यक है।
एक रिचार्ज शाफ्ट द्वारा एक वर्ष बरसात का मौसम में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल वर्षा के जल को संगृहीत कर 52.20 लाख ली0 जल रिचार्ज करता है। इस प्रकार कई रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण करके भू-जल स्तर को बढ़ाया जायेगा। वर्ष 2023-24 में निर्मित रिचार्ज शाफ्ट नाबार्ड के अर्न्तगत (विकास खण्ड काशीपुर-27 एवं बाजपुर-121) 148 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण कार्य कर 208 लाख का व्यय किया गया। जनपद में 148 रिचार्ज शाफ्ट द्वारा एक वर्ष में बरसात के मौसम में वर्षा के जल को संग्रह कर लगभग 6000 लाख लीटर प्रति हेक्टयर जल रिचार्ज किया जायेगा।
नार्बाड के RIDF योजना के अन्तर्गत (विकास खण्ड काशीपुर 4 एवं बाजपुर 5, 09 सिंचाई पुनस्र्थापित कर 434.85 क्षमता बढायी गई है, उन्होंने बताया कि ऐसे स्थान जहां पर प्राकृतिक बारहमासी स्थायी स्तोत्र है उनका पानी रोक कर तथा उसका स्तर ऊंचा करने से अधिक मात्रा में खेतों की सिंचाई के लिए बरसात में जल भराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है, इससे निपटने के लिए गेटेड स्क्ट्चर का निर्माण किया जाता है,यह योजना काफी लाभप्रद सिद्ध हुई है,यह कार्य भी लघु सिंचाई द्वारा भी किया जा रहा है।