डोल्फिन कंपनी के मजदूरों का धरना जारी सरकार और प्रशासन ने मुंदी आंखें कंपनी प्रबंधन को संरक्षण

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पंतनगर – पारले चौक सिडकुल पंतनगर में विगत 28 अगस्त 2024 से डॉल्फिन मजदूरों का चल रहा धरना और सामूहिक कार्यबहिष्कार आज 12 वें दिन भी जारी रहा। और पूरे दिन भर जोशोखरोश के साथ में नारेबाजी और सभा चलती रही। इस दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए डॉल्फिन मजदूर संगठन की महिला उपाध्यक्ष सुनीता ने कहा कि बड़े ही शर्म और चिंता का विषय है कि विगत 8 माह से डॉल्फिन कम्पनी के मजदूर न्यूनतम वेतनमान और बोनस से संबंधित कानूनों का घोर उल्लंघन करके मजदूरों का शोषण करने पर रोक लगाने +औद्योगिक विवाद अधिनियम-स्थाई आदेश अधिनियम और संविदा श्रम अधिनियम का उल्लंघन करके स्थाई और नियमित मजदूरों को ठेकेदार के अधीन नियोजित करके और स्थाई श्रमिकों को पूर्व सूचना और नोटिस/आरोप पत्र दिए बिना उनकी गेटबंदी करके गैरकानूनी कृत्य करने वाले+कारखाना अधिनियम का उल्लंघन करके मजदूरों को केंटीन सुविधा उपलब्ध ना कराने वाले डॉल्फिन कम्पनी के मालिक प्रिंस धवन और ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने और विधिनुसार जिला कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने और श्रमिक शोषण पर रोक लगाने हेतु निरंतर आवाज़ उठा रहे हैं।

 

और 28 अगस्त से सामूहिक रूप से कार्यबहिष्कार पर हैं। किन्तु उत्तराखंड सरकार,जिला प्रशासन, श्रम विभाग के पास डॉल्फिन कंपनी में भारत देश और उत्तराखंड प्रदेश के उपरोक्त बुनियादी श्रम कानूनों, भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू कराने की भी हिम्मत नहीं है या फिर ये लोग ऐसा करना ही नहीं चाहते हैं। जो कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार मुक्त भारत की असलियत को बेपर्दा कर रहा है ऐसा प्रतीत हो रहा है कि डबल इंजन की सरकार के मातहत कार्यरत जिला प्रशासन और श्रम विभाग के लिए भारत देश के उक्त बुनियादी कानून, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और संविधान कोई भी मायने नहीं रखते हैं।

हम मजदूरों को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार में हम मजदूरों के लिए भारत देश के बुनियादी श्रम कानूनों को, भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को स्थगित करके उनका पूँजीपतियों द्वारा अपहरण कर लिया गया है और आपातकाल की सी स्थिति उत्पन्न कर दी है।जबकि हमारी कोई भी मांग नहीं है बल्कि हम तो डॉल्फिन कम्पनी में बुनियादी श्रम कानूनों, भारत देश के संविधान को और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू कराने और उक्त गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त कम्पनी मालिक प्रिंस धवन और उक्त ठेकेदारों के विरुद्ध जिला कोर्ट में विधिनुसार मुकदमा दर्ज करने के लिए ही जायज आवाज़ उठा रहे हैं। किन्तु प्रशासन, श्रम विभाग और पुलिस हमें ही आँखें दिखा रहे हैं और हम पर ही झूठे मुकदमे दर्ज करके दमन कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि उत्तराखंड राज्य की डबल इंजन की सरकार और प्रशासन डॉल्फिन कम्पनी मालिक का बंधक बन चुका है।

 

डॉल्फिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार और महामंत्री वीरू सिंह ने कहा कि कल कलेक्ट्रेट रुद्रपुर में जिला प्रशासन की मध्यस्थता में शाम को 3बजे से वार्ता रखी गई है। अब कल की वार्ता में ही पता चल पायेगा कि जिला प्रशासन उपरोक्त बुनियादी कानूनों का घोर उल्लंघन करने वाले डॉल्फिन कम्पनी प्रबंधक की जवाबदेही सुनिश्चित कराता है या फिर पीड़ित मजदूरों के ऊपर ही अपनी सारी बहादुरी दिखाता है।

 

डॉल्फिन मजदूर संगठन के उपाध्यक्ष सोनू कुमार ने कहा कि यदि कल की वार्ता सकारात्मक नहीं रही तो अतिशीघ्र सामूहिक बैठक बुलाकर बुनियादी श्रम कानूनों, भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उक्त उल्लंघन और अपहरण के खिलाफ डबल इंजन की सरकार के खिलाफ जोरदार मुहीम चलाई जायेगी। आज हमारे धरना स्थल पर इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश भट्ट जी, सीएनजी टेम्पो यूनियन के अध्यक्ष सुब्रत कुमार बिस्वास,आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष जनार्दन सिंह जी एवं प्रदेश संगठन मंत्री प्रदेश संगठन मंत्री पूर्व विधानसभा प्रत्याशी किच्छा से श्री कुलवंत सिंह जी एवं जिला उपाध्यक्ष श्री सिमरनजीत सिंह जी और महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष श्रीमती किरण पांडे विश्वास जी ने उपस्थित होकर हमें अपना पूर्ण समर्थन दिया। हम आप सब साथियों का दिल की गहराइयों से धन्यवाद करते हैं |और आशा करते हैं कि आपका यह स्नेह और भाईचारा हमेशा क़ायम रहेगा।आज के धरने और सभा में लक्ष्मी देवी,उषा देवी ,मीना, सजमीन,प्रेमबती,ज्योति,नीरज,रजनी,पिंकी,काजल,रामवेटी,रचना,अर्चना,गीता,सीमा सहित सैंकड़ो मजदूर साथी उपस्थित रहे।

एम सलीम खान ब्यूरो


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