नगर निगम हल्द्वानी के सभागार में किया गया “संविधान बचाओ सभा” का आयोजन

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हल्द्वानी – (आरिश सिद्दीकी) नगर निगम हल्द्वानी के सभागार में “संविधान बचाओ सभा” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन श्री नारायण पाल जी ने की और डॉ मोहन सिंह लसपाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ छेत्र के कई जिलों से 300 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया और कई बुद्धिजीवियों और अंबेडकर अनुयायियों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये।

श्री आशु पडालिया और श्री रवि पाल ने सभा का संचालन किया। वक्ताओं में श्री जी आर टमटा, श्री शिव गणेश, श्री अमित आर्य, श्री राजेश वाल्मीकि, श्री दीपक आर्य, श्री कपिल बुक्सा, श्री शिशुपाल, श्री भोलेंद्र आर्य, डॉ. रोहित आर्य, श्री जितेंद्र आर्य, श्री हिम्मत राम आर्य, श्री जीवन राम टमटा, श्री कमल किशोर, श्री बलवंत पाल, श्री हेमराज राणा, श्री श्याम सोनकर आदि वक्ताओं ने भी कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

सभा में श्री नारायण पाल जी ने निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संविधान की रक्षा पर जोर डालते हुए कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी द्वारा रचित संविधान को अनुच्छेदित रूप में अपनाते हुए इसे राजनीतिक बल एवं संशोधन की कोशिशों से सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। उन्होंने सभा में यह बात स्पष्ट रूप से कही कि अगर संविधान के सिद्धांतों के साथ कोई छेड़छाड़ की जाती है, तो यह अत्यंत हानिकारक होगा। उनका मानना है कि हमारा संविधान हमारे समाज के लिए किसी भी ग्रंथ से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है लेकिन अगर समाज में मनुवाद को पोषित करने वाले लोग मौजूद हैं तो वे अप्रत्यक्ष रूप से संविधान के खिलाफ़ बात करते हैं। उन्होंने अपने शब्दों को विराम देते हुए कहा कि-“प्रश्न इस बात का नहीं है कि विरासत में हमें क्या मिला,प्रश्न इस बात का है कि हम विरासत में क्या देंगे।”

श्री रवि पाल ने कहा कि आरक्षण के अधिकारों की सुरक्षा होनी चाहिए। आरक्षण व्यवस्था को पूर्ण रूप से लागू करना आवश्यक है, क्योंकि यह SC/ST समाज के संविधानिक अधिकारों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारों के साथ कोई भी समझौता अस्वीकार्य होगा।

श्री अमित आर्य का कहना था कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत बड़ी संख्या में लोगों की नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन SC/ST समाज के लोगों के लिए आरक्षण के बिना यह प्रक्रिया अधूरी रहेगी। इसके बिना संविधानिक अधिकारों का पालन नहीं हो सकेगा, और सामाजिक एवं आर्थिक पक्ष भी कमजोर होगा।

सभा में कई अन्य बातों को व्यक्त किया गया जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में SC/ST समाज के बच्चों को नियमानुसार छात्रवृत्तियों एवं सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई।

जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में कई बार SC/ST समाज को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जो सरासर अन्याय है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग सभा के माध्यम से की गई।

सभा में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने इन सभी मुद्दों पर गंभीर चर्चा की और प्रशासन से तत्काल आवश्यक कदम उठाने की अपील की


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