लिव इन रिलेशनशिप सहित विवाह की आयु का पंजीकरण धामी सरकार ने यूसीसी में शामिल किए यह सख्त नियम

ख़बर शेयर करे -

देहरादून – समान नागरिक संहिता यूसीसी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिकारी और कार्मिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा समान नागरिक संहिता में विवाह की आयु,लव इन रिलेशनशिप से लेकर पंजीकरण को लेकर प्रावधान बनाए गए हैं यूसीसी के प्रावधानों में पुलिस प्रशासन समाज कल्याण महिला सशक्तिकरण राजस्व आदि विभागों के अधिकारी और कर्मचारीयों को एक से दो हफ्ते तक इस कानून की अहम बारीकियों से अवगत कराया जायेगा।

इसके अलावा यूसीसी के प्रावधानों के तहत किसी तरह की कारवाई करनी है इससे भी अवगत कराया जायेगा, उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का सबसे पहला प्रदेश होगा सरकार ने इस कानून में कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती है सरकार की कोशिश है कि यूसीसी के तहत कार्रवाई ऐसी हो जिस पर किसी तरह के सवाल खड़े न हो यूसीसी के प्रावधानों को लागू करने और आपत्तियों के निराकरण के लिए हर संभव क्रियान्वयन मंच का गठन किया किया जाएगा।

यूसीसी एक व्यापक विषय है इसके लिए हर संभव मजबूत तंत्र विकसित करेंगे, विवाह के 6 महीने के अंदर अनिवार्य रूप से सब रजिस्ट्रार के कार्यलय में विवाह पंजीकरण कराना होगा पंजीकरण नहीं करते हैं तो जुर्माने का प्रावधान लागू किया गया है ,समान नागरिक संहिता में पति-पत्नी के लिए तलाक और आधार एक समान कर दिए गए हैं अभी तक पति जिस आधार पर तलाक ले सकता है उसी प्रकार से अब पत्नी भी तलाक मांग सकती है।

पति-पत्नी के रहते दूसरा विवाह यानी बहु विवाह पर सख्त रोक लगाई गई है विशेष अनुभवी के मुताबिक अभी तक मुस्लिम पर्सनल लॉ में बहु विवाह करने की छूट है लेकिन अन्य धर्मों में एक पति एक पत्नी का प्रावधान को बेहद कड़ाई से लागू किया गया है,उत्ताराधिकारी में लड़के और लड़कों को बराबर अधिकार दिए गए हैं संहिता में सम्पत्ति को सम्पदा के तौर पर परिभाषित करते हुए इसमें सभी तरह की चल अचल पेतृक सम्पत्ति को शामिल किया गया है।

See also  BIG NEWS_सीएम धामी ने रचा इतिहास,उत्तराखंड विधानसभा मे UCC बिल पास

समान नागरिक संहिता में लव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए पंजीकरण करवाना होगा विवाहित पुरुष महिला लिव इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकते इसके लिए जोड़ों को लिव इन रिलेशनशिप में रहने से पहले की स्वघोषणा करनी पड़ेगी लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे एक जायज़ संतान के सम्पूर्ण अधिकार दिया मिलेंगे, राज्य का स्थाई निवासी राज्य या केंद्र सरकार के स्थाई कर्मचारी राज्य में लागू योजना के लाभार्थी पर लागू होगा राज्य में न्यूनतम एक साल तक रहने वाले लोगों पर भी यही कानून लागू होगा।

एम सलीम खान ब्यूरो


ख़बर शेयर करे -