लालकुआँ – अक्सर कहा जाता है जंग में साथी मजबूत हो तो ही हर जंग जीती जा सकती है यदि जंग से पहले ही साथी मैदान छोड़ दें तो जीत की उम्मीद खत्म हो जाती है। यहां बात हो रही है सूबे के हाईप्रोफाइल मामले की अर्थात चोरगलियां बनाम विधायक लालकुआं प्रकरण में ग्रामीणों पर हुए मुकदमे में बनाए गए गवाहों में से दो गवाहों के मुकरने के बाद माना जा रहा ही की गवाहों के मुकरने से विधायक और उनके समर्थकों को जोरदार झटका लगा है।
विधान सभा के हर नुक्कड़ पर चल रही चर्चाओं के मुताबिक यह ग्रामीणों की पहली जीत मनी जा रही है। गवाहों के मुकर जाने की खबरों ने सोशल मीडिया में भी धूम मचा रखी है। गौरतलब है कि दुग्ध समिति के बोनस वितरण कार्यक्रम के दौरान उपजे बबाल को लेकर आज चोरगलिया क्षेत्र के तमाम ग्राम प्रधानो, बीडीसी सदस्यों, मातृशक्ति और भारी संख्या में ग्रामीणों ने मंगलवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के साथ ही पुलिस क्षेत्राधिकारी लालकुआं से मुलाकात कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी और मंडलायुक्त दीपक रावत ने जनप्रतिनिधियों को उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने को आश्वस्त किया है।
चोरगलिया क्षेत्र के प्रतिनिधियों का कहना था कि पशु चिकित्सक डॉ भुवन चंद्र पंत का स्थानांतरण रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाय। पंचायत प्रतिनिधियों ने सैकड़ों ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत को सौंपते हुए मांग की कि चोरगलियां क्षेत्र के तीन लोगों के खिलाफ विधायक डॉ मोहन बिष्ट का घेराव, धरना प्रदर्शन आदि तमाम बेबुनियाद मामलों को लेकर जो मुकदमा दर्ज कराया गया है वह तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए क्योंकि उक्त मुकदमे में गवाहों बनाए गए दो गवाहों ने पुलिस क्षेत्राधिकारी के सामने स्पष्ट किया कि वह उक्त मुकदमे में उन्हें जबरन गुमराह कर गवाह बनाया गया था।
मंडलायुक्त ने क्षेत्रीय जनता की मांग पर मामले की निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 5 नवंबर तक पशु चिकित्सक के स्थानांतरण रोकने का आदेश नहीं आया तो 6 तारीख को चोरगलियां की जनता राजमार्ग पर उतरकर व्यापक जनांदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे।