सर्व धर्म एकता मंच ने बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर जन आक्रोश सभा का किया आयोजन

ख़बर शेयर करे -

रुद्रपुर – बांग्लादेश में हो रहे जुल्मों सितम के खिलाफ सर्व धर्म एकता मंच ने किया जन आक्रोश सभा का आयोजन विभिन्न धर्मों से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की इस दौरान जन सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में जो कट्टरपंथी हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों खंडित कर रहे हैं।

वो सिर्फ आतंकवाद के समर्थक हैं उनका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वो मजलूमों पर ज़ुल्म कर अपने वेहाशी चेहरे और दरिंदों की परिभाषा निभा रहे हैं, वक्ताओं ने कहा कि इस्लाम के धर्म गुरु हज़रत मुहम्मद ने कभी भी इस तरह के अत्याचारों का समर्थन नहीं किया बल्कि उन्होंने महिलाओं और बच्चों पर ज़ुल्म करने वालो का विरोध किया हज़रत मुहम्मद साहब ने हमेशा भाईचारा और शांति का संदेश दिया, मुस्लिम समाजसेवी असलम जावेद ने हज़रत मुहम्मद साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किए गए व्यवहार और आचरण का जिक्र करते हुए कहा कि जो पूरे विश्व में हज़रत मुहम्मद साहब के अनुयाई हैं वे इस तरह किसी भी धर्म के व्यक्ति विशेष के साथ ज़ुल्म नहीं करते हैं बल्कि वे तो मोहब्बत का संदेश देते हैं।

वहीं डॉ वकील अहमद मसूरी ने कहा कि यह अत्याचार सिर्फ बांग्लादेश में ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान में भी अल्पसंख्यक के साथ हो रहे हैं, और इसके लिए पूरे विश्व में शांति का संदेश देने के लिए सभी धर्मों को एक मंच पर आना होगा, उन्होंने सर्व धर्म एकता मंच की इस मुहिम की पहल की सराहना करते हुए कहा कि मैं इस कार्यक्रम और मंच के संयोजक एम सलीम खान का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस मुहिम की शुरुआत की है, उन्होंने कहा कि जो लोग विश्व और भारत को सर्व धर्म एकता की लाडी में पिरोकर रख कर विश्व में शांति के प्रति जागरूक हैं वे लोग आज इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं और जो लोग देश की कौमी एकता और अखंडता को खंडित करने में विश्वास रखते हैं वे लोग आज इस कार्यक्रम में शामिल होने आए हम ऐसे लोगों की कड़ी आलोचना करते हैं, भाईचारा एकता मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार ने कहा कि हमारे देश को जिस तरह मजहबी आग में झोंक जा रहा है उसके लिए कुछ हद तक हम खुद जिम्मेदार है, हमें ऐसे लोगों को अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहिए जो सर्व धर्म समभाव की मिसाल कायम रखे हमें लड़ने के बजाए एकता और अखंडता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएं, कांग्रेस नेता और बंगाली समाज के जनप्रतिनिधि किशोर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आखिर कब तक यह नफरत का सिलसिला जारी रहेगा,अब कोई गांधी, भगतसिंह, बिस्मिल या अशफाक उल्ला खान तो आएंगे तो नहीं अब हमें ही देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में पहल करनी होगी।

उन्होंने भारत में पनप रही मजहबी हिंसा पर चिंता जताई, वहीं समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए हम सभी जिम्मेदार है क्योंकि हमने सोचा नहीं की आने वाले भविष्य को संवारने के लिए हमें एक मंच पर आने की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि आज विश्व में जो भी हिंसक घटनाएं हो रही है उन पर अंकुश लगाने के लिए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म के अनुयायियों को एक जुट होना पड़ेगा वरना आने वाला भविष्य आप और हमसे जवाब मांगेगा, आम आदमी पार्टी महिला ईकाई की जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास ने कहा कि यहां कोई बांग्लादेश पहला देश नहीं है जहां महिलाओं और धार्मिक स्थलों पर ज़ुल्म हो रहे हैं हमारा देश भी हिंसा की आग में जल रहा है मिसाल के तौर पर मणिपुर में हिंसक घटनाएं इस बात का प्रणाम है, प्रगति शील महिला केन्द्र की मुख्य संयोजक सुखविंदर कौर ने कहा कि अब वक्त आ गया है हम भारत सहित अन्य देशों में हो रही हिंसक घटनाएं को लेकर एक साथ खड़े हो और सरकारों के खिलाफ एक जुट होकर इन पर लगाम लगाने की आवाज बुलंद करे, मंच के संयोजक एम सलीम खान ने कहा कि अब हमारे देश में कोई भगतसिंह, बिस्मिल राजगुरु, सुखदेव और अशफाक उल्ला खान पैदा नहीं होंगे आने वाली पीढ़ी को इन महान शहीदों के कुर्बानी के किस्से इन्हें सुनने होंगे, जिससे देश में बढती घृणा को स्थर करने में मदद मिलेगी, उन्होंने कहा कि आखिर कब तक यह हिंसा चलती रहेगी और कौन इन घटनाओं को लेकर आगे आने का काम करेंगे उन्होंने कहा कि सर्व धर्म एकता मंच का आकार और भी बढ़ किया जाएगा जिसका मकसद सिर्फ देश सहित अन्य देशों में फैल रही हिंसा को लेकर आवाज बुलंद करना होगा, उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मंच का विस्तार गठन किया जाएगा जिसमें हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म के अनुयायियों को शामिल किया जाएगा, कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय गान गाया गया और संचलन करे मंच के संयोजक ने कार्यक्रम के समपान की घोषणा की, इस दौरान कार्यक्रम में डॉ वकील अहमद मसूरी, भाईचारा एकता मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार, समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास, पत्रकार गुरविंदर सिंह गिल,छात्र नेता नाज़िश मसूरी, आम आदमी पार्टी की महिला ईकाई की जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास, प्रगति शील महिला ईकाई की सुखविंदर कौर,

पूर्व पार्षद रंजीत कुमार, सौरभ शर्मा, भीमराव अम्बेडकर युवा मंच के अध्यक्ष दीपक कुमार सागर, एडवोकेट सुशील कुमार सागर, कांग्रेस नेता और बंगाली समाज के प्रतिनिधि किशोर कुमार,सहिल कक्कड़, गुरमीत सिंह गोगी, कांग्रेस नेता अजीज अहमद, कामरान खान,छात्र नेता सुल्तान, शम्मी, अफसरों जहां, सुनीता मंडल, समाजसेवी तिलक जी, आजाद समाज पार्टी के जिला महासचिव दीप चन्द्र आर्या, गुलशन कुमार,एपी मसीह, रामदेव सिंह सेवादार शिवा मंदिर आदर्श कालोनी,वसीब खान,अतीक अहमद, गुरप्रीत सिंह भुल्लर, अनिर्बान लाहिडी, जयप्रकाश नारायण, श्रीमती सोनिया अधिकारी, वाजिब हुसैन,पी सी मरकुश, टीवीएस लुकास के मजदूर संघ के पदाधिकारी, गुरमेल सिंह, सरदार विरेन्द्र सिंह रंधावा, सुमित्रा देवी, निदा खान,मोबीन अली, सुभाष चन्द्र प्रकाश, कौशिक पंत, लीला देवी, जानकी कार्की, पीसी पांडे,ओपी सिंह, राजेश यादव, गुरमुख सिंह सिद्धू, पास्टर एल पी जोसफ, स्टालिन मसीह,समीर हुसैन, मोनिस अहमद, फ़ैज़ सिद्दीकी, अब्राहम जोसफ,पीटर एल सहित अन्य लोग मौजूद थे।


ख़बर शेयर करे -