रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) करीब तीन सालों से भाजपा से बाहर किए गए पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल एक मजबूत राजनीतिक मंच की तलाश कर रहे हैं, उन्होंने विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल होने के रास्ते भी बनाने का प्रयास किया और वो काफी हद तक इसमें कामयाब भी हो गये थे।
लेकिन जैसे ही उत्तराखंड में आम चुनावों का ऐलान हुआ और उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मेयर का चुनाव लडने के संकेत दिए ठीक चुनाव की घोषणा के बाद उनके दरबार के मीर जाफर और जय चंद ने फिर एक ऐसा काम किया कि पूरे रुद्रपुर में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड से दिल्ली दरबार तक उनका विरोध शुरू हो गया।
दर असल हुआ यह कि पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल का एक गर्मा गर्म आडियो वायरल हो गया जिसमें उन्होंने पूर्व पालिकाध्यक्ष श्रीमती मीना शर्मा और उनके पति अनिल शर्मा को बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था, जैसे ही यह आडियो मीडिया की सुर्खियां बटोरने लगा तो मीना शर्मा ने खुले मंच पर आकर भावुक होकर उन्हें परिवार सहित ललकार लगाई और फिर उन्होंने जो मिशन शुरू किया उसे नाम दिया।
ठुकराल रोके कांग्रेस मिशन 2025 जिसमें आखिकार मीना शर्मा ने उत्तराखंड के देहरादून से लेकर दिल्ली तक हश्र कर डाला और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की राहों में कांटे बिछाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी,जब पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को अंदाजा हो गया कि उनके कांग्रेस में शामिल होने के सारे रास्तों मोटे-मोटे ताले जड़ दिए गए और उन तालो पर जहरीले सांप पहरा दे रहे तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर मेयर का चुनाव लडने का ऐलान कर दिया।
और अपने भाई संजय ठुकराल को भी चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी इसके लिए उन्होंने स्वयं और भाई संजय ठुकराल का नामांकन पत्र भी दाखिल किया, लेकिन यही पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने फिर एक पाला बदलने की ना काम कोशिश की और वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के आला नेताओं के पास देहरादून जा पहुंचे और वहां से वापस लौट कर उन्होंने दोनों नामांकन पत्रों को वापस लेते हुए भाजपा के मेयर उम्मीदवार विकास शर्मा को चुनाव लडने की नकाम घोषणा कर दी लेकिन ठुकराल इस बात को भूल गए कि उन्होंने अभी पार्टी ने पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है।
और बिना कुछ सोचे-समझे उन्होंने जो कदम उठाया है वहीं कदम उनके ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है, और कुछ हुआ भी ऐसा ही दर असल आज जब पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल मेयर उम्मीदवार विकास शर्मा के कार्यलय में पहुंचे तो उन्होंने वहां जमकर भाषण बाजी की जिसके कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष कमल जिंदल का फरमान जारी हो गया कि पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने अभी पार्टी को ग्रहण नहीं किया और वो पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते हैं, उन्होंने ठुकराल को फिर एक बार कैद कर दिया है।
क्या है इसकी वजह क्यों रोका गया पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को दर असल पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल का एक ओर आडियो अभी कुछ समय पहले वायरल हुआ है जिसमें वे एक धर्म विशेष के लोगों को गंदी गंदी गालियां देते सुनाई दे रहे हैं,उनका यह आडियो जैसे ही मीडिया में आया तो विशेष धर्म के लोगों ने जमकर बवाल खड़ा कर दिया।
और उनके पुतले तक फूंक डाले,इसकी दस्तक राजधानी देहरादून तक जा पहुंची और फिर एक बार ठुकराल विवादों में घिर गए, वहीं दूसरी तरफ शहर विधायक शिव अरोरा ने उनके इस कथित आडियो को लेकर जो कुछ कहा वे भी कुछ कम नहीं था उन्होंने तो यहां तक कहा कि ऐसे व्यक्ति को बीच चौराहे पर फांसी दे दी जानी चाहिए, चूंकि विधायक शिव अरोरा संगठन के सीटिंग विधायक हैं।
और उनकी बातें भी पार्टी के लिए बड़े मायने रखती है और उनकी बातों को गौर से लेते और शहर में चुनाव जीत के मकसद से फिर एक पूर्व विधायक राजकुमार अलग थलग पड़ गये, यहां बताते चलें कि अगर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मेयर का चुनाव लड़ते तो शायद उनका राजनीतिक भविष्य संवर सकता था लेकिन उन्होंने अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारकर अपना भविष्य अंधकारमय कर दिया।

