नैनीताल- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में शहर के सौंदर्यीकरण और सड़क चौड़ीकरण के लिए निजी सम्पतियों को न हटाकर केवल सरकारी सम्पतियों को हटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने जिला प्रशासन व लोक निर्माण विभाग को निर्देश जारी कर कहा है कि सड़कों के चौड़ीकरण की जद में आ रही निजी सम्पति धारकों को एक सप्ताह के भीतर नोटिस जारी करके उनकी समस्याओं की जन सुनवाई करें और अवैध पाए गए अतिक्रमणकारियों को नोटिस की तिथि से एक सप्ताह होने के बाद शीघ्र हटाएं साथ में कोर्ट ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिए हैं कि अभी तक जो अतिक्रमण का मलुआ उनके द्वारा फुटपाथ पर डाला गया है उसे शीघ्र दस दिन के भीतर हटाएं ताकि कोई दुर्घटना न हो और पैदल चलने वालों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उसकी प्रगति रिपोर्ट प्रशासन आगामी तिथि को कोर्ट में पेश करे।
मामले की अगली सुनवाई
आपको बता दें। मामले की अगली सुनवाई फरवरी तीसरे सप्ताह की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार हल्द्वानी की नया सवेरा संस्था ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि मंगल पड़ाव तथा महिला हॉस्पिटल और कालू सिद्ध मंदिर और बेस हॉस्पिटल से लेकर रोडवेज बस स्टेशन तक की रोड अति संकरी है। जिसकी वजह से आए दिन स्थानीय लोगो सहित सरकारी विभाग और स्कूली छात्रों व अन्य यात्रियों को हर रोज़ जाम का सामना करना पड़ता है जो सभी के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। प्रशासन इन दिनों स्थानीय लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए सडक़ चौड़ी करने में जुटा हुआ है।
रोड के चौड़ीकरण करने के लिए प्रशासन ने मंगल पड़ाव से लेकर रोडवेज स्टेशन तक सरकारी संपत्तियों को तोड़ दिया के है लेकिन सड़क चौड़ीकरण की ज़द में आ रही निजी सम्पतियों को राजनैतिक दवाब के चलते अभी तक प्रशासन ने उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है जो सड़क चौड़ीकरण में बड़ी बाधा बन रहे हैं जबकि जाम से निपटने के लिए सड़क चौड़ीकरण करना अति आवश्यक है, इसमें भी स्थानीय लोग राजनीति कर रहे हैं जिसकी वजह से रोड का चौड़ीकरण नहीं हो पा रहा है इसलिए इनको भी हटाया जाए।