
रूद्रपुर – राज्य नगरीय विकास संस्थान की ओर से नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ग्राम्य विकास संस्थान के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पार्षदों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों, नगर निगम की कार्यप्रणाली और वित्तीय प्रबंधन से अवगत कराना है, ताकि वे अपने क्षेत्र में सुशासन को प्रभावी रूप से लागू कर सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। प्रशिक्षक नीरज जोशी ने पार्षदों को नगर निगम अधिनियम, पार्षदों की भूमिका, कर्तव्य और अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि पार्षदों को जनता की समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और नगर निगम की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कराने में सहयोग करना चाहिए।
प्रशिक्षक जे.सी. जोशी ने नगर निगम के वित्तीय प्रबंधन, बजट निर्माण, टैक्स कलेक्शन, और लेखा प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए पार्षदों को बताया कि निगम का बजट केवल एक दस्तावेज नहीं बल्कि विकास का रोडमैप होता है। उन्होंने पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन के महत्व को भी रेखांकित किया। कार्यक्रम में पार्षदों को महापौर के अधिकारों के बारे में भी बताया गया। साथ ही नगर निगम नियमावली की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि हर वर्ष कम से कम छह अधिवेशन आयोजित किए जाने अनिवार्य हैं और प्रत्येक अधिवेशन की सूचना सभी पार्षदों को बैठक के 72 घंटे पूर्व दी जानी चाहिए।
कार्यक्रम निदेशक मनोज पाण्डेय, प्रशिक्षण प्रबंधक आशा जोशी और उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी पाण्डे की उपस्थिति में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पार्षदों के व्यवहारिक सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें उन्हें समस्याओं की पहचान, समाधान की प्रक्रिया, योजना निर्माण, जन सहभागिता और शहरी विकास के विविध पहलुओं से रूबरू कराया गया। सभी पार्षदों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया।

कार्यक्रम में पार्षद पवन राणा, इन्द्रजीत सिंह, चिराग कालरा, जितेश कुमार, राजेश जग्गा, प्रमोद शर्मा, सुशील चौहान, शुभम दास, शिव कुमार गंगवार, परवेज खान, प्रियंका गुप्ता, एम.पी. मौर्या, सुशील मण्डल, गिरीश पाल, जगदीप भाटिया, मोहम्मद अशफाक और सरो राय सहित सभी वार्डों के पार्षद उपस्थित रहे।

