
रुद्रपुर – शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस पर सिडकुल ढाल (परशुराम चौक) पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र व क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में क्रांतिकारी शहीद ऊधम सिंह जी की तस्वीर में माल्यार्पण औऱ पुष्प अर्पित करते हुए क्रांतिकारी गीत औऱ नारे लगाते हुए,उनके सर्वोच्च बलिदान को क्रांतिकारी लाल सलाम पेश किया गया।
तत्पश्चात् नुक्कड़ सभा की गईं। सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ऊधमसिंह जी ने जलियांवाला बाग कांड के मुख्य आरोपी गवर्नर जनरल अडवायर को ब्रिटिश हुकुमत की माद लंदन में जाकर उसका वध करके उसके किए पापों की सजा दी और हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम लिया। ऐसे ही जब अंग्रेज देश में हिंदू मुस्लिम के नाम पर सांप्रदायिक दंगे करवाकर आजादी की लड़ाई को कमजोर कर रहे थे तो उस मौके पर उधम सिंह जी द्वारा अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद कर दिया औऱ कौमी एकता का नारा बुलंद किया।
साथी वक्ताओं ने बताया कि ऊधम सिंह न केवल गोरे अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ थे बल्कि देश के अंदर काली बुराई का भी विरोध करते थे। वह भारत में आजादी के बाद मजदूर- मेहनतकशों के समाजवादी राज की स्थापना करना चाहते थे।वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा समय में भारत के एकाधिकारी पूंजीपतियों और भाजपा- आर.एस. एस. की सरकार द्वारा देश की जनता को धर्म- जाति के नाम पर उलझाकर, उन्हें आपस में लड़वाकर पूंजीपतियों को लूटने की खुली छूट दे दी गई है। इसी कड़ी में मजदूरों,किसानों, छात्रों,अल्पसंख्यकों सहित जनता के हर हिस्से के खिलाफ काले कानून बनाकर उन्हें बड़े पूँजीपतियों का गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है।
भाजपा -आरएसएस के उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश औऱ हरियाणा शासित राज्यों सहित पूरे देश भर में क़ायम इनके रामराज्य में हजारों हजार सरकारी स्कूल बंद करके मजदूरों औऱ गरीबों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार छिना जा रहा है, जो कि स्पष्ट करता है कि संघ भाजपा का रामराज्य हमारे बच्चों के प्रति ब्रिटिश हुकुमत से भी ज्यादा असंवेदनशील औऱ क्रूर बन चुकी। भाजपा के रामराज्य में सरकारी स्कूलों की छत गिरकर 7-10 की उम्र के बच्चे छत गिरने से दर्दनाक मौत का शिकार बन जाते है किन्तु इनके निर्लज्ज शिक्षा मंत्री का इनके रामराज्य में अगले ही दिन फूल मालाओं से सार्वजनिक रूप से स्वागत करके निर्लज्जता औऱ असंवेदनशीलता का प्रदर्शन किया जाता है।
थोड़ी भी नैतिकता होती तो इस हृदय विदारक घटना पर शिक्षा मंत्री सहित सभी जिम्मेदार लोगों को उनके पद से हटाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करके उन्हें जेल भेजा जाता। कोई भी देश अपने देश के नौनिहाल बच्चों की दर्दनाक मौत पर खामोश नहीं रह सकता। संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 100 मिनट से लम्बे भाषण में इस घटना का जिक्र तक नहीं किया। जिससे स्पष्ट है कि इस रामराज्य में ऊपर से लेकर नीचे तक किसी को भी ऐसी घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है।
एक तरफ हमारे नेताओं के लिए नये संसद भवन आदि बनाने (सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ) के लिए हजारों करोड़ खर्च किये जाते हैं, किन्तु वही हमारे बच्चों के स्कूलों के लिए इनके पास पैंसे नहीं हैं। बिहार में सिर्फ एक माह में वोटर लिस्ट तैयार करने को पूरा सिस्टम झोंक दिया जाता है किन्तु हमारे बच्चों के स्कूलों के सर्वेक्षण के लिय इनके पास फुर्सत ही नहीं है।समय समय पर आतंकवादी घटनाओं में लोग मारे जा रहे हैं किन्तु गृह मंत्री, रक्षा मंत्री सहित किसी भी मंत्री औऱ अफसर द्वारा इसकी जिम्मेदारी नहीं ली जाती है औऱ त्यागपत्र भी नहीं दिया जाता है औऱ उन्हें पद से बर्खास्त भी नहीं किया जाता है।
ये लोग खुद को जनता से बहुत ऊपर मानते हैं औऱ कोई जवाबदेही नहीं समझते हैं। क्या ऊधमसिंह जी ने ऐसे ही भारत की कल्पना की थी? वक्ताओं ने ऊधम सिंह जी के बताये रास्ते पर चलने की अपील की। वर्गीय एकता क़ायम करके सम्मानजनक रोजगार,शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों पर एकजुट संघर्ष करने, जनता को हिन्दू मुसलमान के नाम पर बाँटने की साजिश करने वाली काली ताकतों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने औऱ समाजवादी भारत के निर्माण को आगे आने का आह्वान किया।
आज के कार्यक्रम में इंकलाबी मजदूर केंद्र से दिनेश, कैलाश, सुरेंद्र आदि, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से शिवदेव सिंह, राजेश तिवारी, शक्ति सिंह, दुर्गाप्रसाद आदि, इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर से सौरभ कुमार, फिरोज खान औऱ डॉल्फिन मजदूर संगठन से सुनीता आदि मजदूर साथियों ने भागेदारी ।

