संविधान के 75 साल पूरे: समाचार इंडिया वन की गोष्ठी में विशेषज्ञों ने रखा विचार, संविधान को बताया देश की लोकतांत्रिक रीढ़

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रुद्रपुर – भारत के संविधान को 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर समाचार इंडिया वन द्वारा विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़कर किया गया।

जिसके माध्यम से उपस्थित लोगों ने संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और सम्मान व्यक्त किया। इस अवसर पर रुद्रपुर महानगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई।

गोष्ठी में मुख्य वक्ताओं के रूप में शंकर चक्रवर्ती, डॉ. राधा वाल्मिकी, एडवोकेट एस. के. सिंह, हरीश मौर्य, ललित मटियाली, कस्तूरी लाल तागरा, कमल श्रीवास्तव, गजेन्द्र कुशवाहा, शेखर पाखी, सुशील गावा और सुब्रत कुमार विश्वास सहित अन्य प्रतिभागियों ने संविधान की विभिन्न धाराओं, उद्देश्यों और मूल भावना पर अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।

वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समान अधिकार, और लोकतांत्रिक सहभागिता का अवसर प्रदान करता है। गोष्ठी में यह भी रेखांकित किया गया कि संविधान में पक्ष और विपक्ष दोनों के विचारों का सम्मान करते हुए सहमति तथा असहमति दोनों को उचित स्थान दिया गया है।

वक्ताओं के अनुसार, देश के कमजोर, वंचित और आवश्यकता-आधारित समुदायों के लिए संविधान किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि यह उन्हें अधिकार, सुरक्षा और न्याय का भरोसा देता है।

कार्यक्रम में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने संविधान को देश की लोकतांत्रिक संरचना की सबसे मजबूत नींव बताया और कहा कि संविधान के महत्व को समझना और उसे व्यवहार में लाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। आयोजन के अंत में प्रतिभागियों ने संविधान की मूल भावनाओं को सामाजिक जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

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