जय श्री राम बनाम जय भीम हवा में गूंज उठे और दिल्ली पुलिस उनके बीच दीवार की तरह खड़ी हो गई_पढ़ें पूरी ख़बर

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नई दिल्ली – नारों के दो पक्ष-जम श्री राम बनाम जय भीम हवा में गूंज उठे और दिल्ली पुलिस उनके बीच दीवार की तरह खड़ी हो गई। एक तरफ तो देश राम मंदिर निर्माण की तैयारी में जुटा था। इधर दिल्ली के एक कोने में बढ़ते विरोध पर किसी का ध्यान नहीं गया।यह दौलत राम कालेज की प्रिंसिपल के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय डीयू की पूर्व दलित प्रोफेसर की लड़ाई का 148 वा दिन था। संविधान को हाथ में पकड़कर और बाबा साहेब अम्बेडकर,फुले और सावित्री बाई की भावना से भरी हुई ऋतु सिंह एक ऐसी लड़ाई लड रही है जो अब उनके मकसद से बड़ी लगती है। उनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने साल 2020 में उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया क्योंकि वह दलित थी।

भीम आर्मी के आजाद से लेकर पंजाब के किसानों तक दिल्ली की एक झोपड़ी में काम करने वाले मजदूर और डीयू के स्टूडेंट्स और अपने माता-पिता के साथ छोटे बच्चों तक रितु सिंह का विरोध सहयोगियों साथियों और यहां तक कि नेताजी के वर्ग के साथ गूंज उठा है। जिसमें कांग्रेस नेता श्री निवास दिल्ली के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और पूर्व सांसद उदित राज, बसपा सांसद गिरिश कुमार चन्द्र तक शामिल हैं। दिल्ली हाईकोर्ट मे प्रोफेसर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील महमूद प्राचा ने दो साल पहले जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि ऋतु सिंह आज की एकलव्य है। एकलव्य की तरह उनका अगूठा काटा जा रहा है। सिंह ने दिल्ली पुलिस की उस कारवाही का जिक्र करते हुए कहा जिसमें पुलिस ने दस जनवरी को विरोध प्रदर्शन को खत्म करने की कोशिश करने के लिए एक पोस्टर लगाया जिससे में धारा 144 लागू करने की बात कही गई थी।हम पर लाठीचार्ज किया गया नीले झंडे हटा दिए गए मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? शोषण क्यों हो रहा ऊ। लोकतंत्र में जनता और सड़क सबसे मजबूत है। सबसे ताकतवर आवाज जनता की है। हालांकि सिंह के समर्थकों ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में जश्न मनाने वाले एबीवीपी के कार्यक्रम में सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे।तब ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया गया था।

ऋतु सिंह आर्ट्स फैक्टरी दिल्ली यूनिवर्सिटी फोटो कृष्ण मुरारी दिप्रिट काम करती है।80 वर्षीय प्रोफेसर रुप रेखा वर्मा सड़कों से लेकर अदालतों तक में बिल्किस बानों की वकालत कर चुकी हैं। लेकिन उनका कहना है कि ऋतु सिंह के मामले पर अदालत गंभीर नहीं है। एक एडहाक मनोविज्ञान प्रोफेसर सिंह 2019 में दौलतराम कालेज में शामिल हुई। लेकिन एक साल के अंदर उन्हें हटा दिया गया और उनके कान्ट्रेक्ट को रिन्यू नहीं किया गया। विरोध के प्रतीक के तौर पर काला मफलर पहने हुए ऋतु सिंह ने दिप्रिट से कहा यूनिवर्सिटी के वीसी दिल्ली हाईकोर्ट मे आरोप पत्र दायर होने के बाद भी सविता राय प्रिंसिपल को निलंबित नहीं किया गया है।हम उनके निलंबन के लिए लड़ रहे हैं और हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।उनका नारा है नौकरी नहीं इंसान चाहिए।

दिल्ली से शबनम हाशमी के साथ एम सलीम खान की रिपोर्ट


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