पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने के मामले ने पकड़ा तूल उच्च न्यायालय ने ममता सरकार से तलब की रिपोर्ट

ख़बर शेयर करे -

पश्चिम बंगाल- पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिला कैदियों के गर्भवती होने और जेल में 196 बच्चों के जन्म लेने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट तलब की है, न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने शुक्रवार राज्य सरकार की जेलों में कैदियों की संख्या और सुरक्षा पर आने वाली 5 अप्रैल तक एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है,

राज्य कानूनी सहायता सेवा को इसी अवधि के अंदर राज्य की 1,379 जेलों की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है,

इसके साथ ही अदालत ने जेलों की निगरानी के लिए राज्य के महाधिवक्ता एजी और अन्य सरकारी वकीलों की एक कोर कमेटी के गठन का आदेश दिया, दूसरी ओर तापस भज ने शुक्रवार को अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें राज्य की सुधार सुविधाओं की स्थिति का विवरण दिया गया,

इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की जेल में महिला कैदियों के गर्भवती होने के मामले से जुड़े सभी पक्षों की बैठक बुलाने का आदेश दिया था,20 फरवरी को जस्टिस बागची और जस्टिस गौरंग की खंडपीठ ने कहा कि राज्य को सभी पक्षों के साथ बैठक करनी चाहिए, राज्य एजी को 8 मार्च को रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया कि क्या सामने आया? इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट किसी भी गर्भधारण परीक्षण का आदेश नहीं देगा,

हाईकोर्ट ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

इस मामले में जस्टिस बागची की टिप्पणी थी,हम जानते हैं कि ऐसी घटना का समाज पर क्या असर होता है? वे महिलाएं पहले से ही जेल में हैं, ऐसे में ऐसी घटनाएं उन्हें और भी कलंकित करती है,उस घटना को स्वीकार नहीं किया जा सकता, जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी है, महिलाओं के लिए कोई अलग प्रवेश द्वार नहीं है, परिणामस्वरूप पुरुष क़ैदी अक्सर लकड़बग्घे की तरह व्यवहार करते हैं,इसे रोकने की जरूरत है,

See also  हल्द्वानी_दस लाख़ की स्मैक के साथ, महिला तस्कर समेत, तीन गिरफ्तार

तापस ने सबसे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट का ध्यान इस मामले की ओर आकर्षित किया था, उन्होंने बताया कि राज्य की विभिन्न जेलों में महिला कैदी गर्भवती हो रही है, इसके अलावा उन्होंने उच्च न्यायालय से सुधार गृहों में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का भी अनुरोध किया था,

बंगाल की जेलों में 196 बच्चों ने जन्म लिया

जेल प्रशासन पर सवाल

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की विभिन्न जेलों के कैदियों की सुविधाओं को लेकर कदम उठाया, कोर्ट ने सवाल किया कि कैदियों को सुधार गृह में भोजन या चिकित्सा उपचार मिल रहा है या नहीं,साथ ही उन्हें यह भी कहा कि जेलों में तैनात चिकित्सक की डिग्री किस मामले में विशेष चिकित्सा से संबंध रखती है,

कलकत्ता हाईकोर्ट में तापस द्वारा पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल तक राज्य की विभिन्न जेलों में 196 बच्चों का जन्म हुआ था,हाल ही में अलीपुर महिला जेल की एक कैदी भी गर्भवती हो गई थी, इसलिए उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ का ध्यान आकर्षित करतें हुए 8 फरवरी को सुनवाई की मांग की,इस घटना में सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी को अपनी पहल पर केस स्वीकार कर लिया, शीर्ष अदालत ने 16 फरवरी को सभी राज्यों से रिपोर्ट भी तलब की थी,वह जानना चाहते हैं कि जेल में महिलाओं की क्या स्थिति है।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


ख़बर शेयर करे -