इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज़म खान फैमिली को दी राहत जमानत तो दी ही साथ ही सजा पर लगाईं रोक

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एम सलीम खान ब्यूरो

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने उस वक्त राहत भरी सांस ली जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी फैमिली को जमानत तो दी ही इसके अलावा उनकी फैमिली को दी गई सजा पर रोक भी लगा दी, जिसके बाद रामपुर के शहर विधायक आकाश सक्सेना को जोरदार झटका लगा है,

आकाश सक्सेना भाजपा से रामपुर विधायक हैं, हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को दी गई सात की सजा पर रोक लगा दी है, जबकि उनकी पत्नी तंजीम फातमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म की सजा पर रोक नहीं लगाई है, पत्नी और बेटे की सजा पर रोक वाली अर्जियों को स्वीकार नहीं किया गया, जबकि हाईकोर्ट ने आजम खान पत्नी तंजीम फातमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म सहित तीनों की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया है, आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाएं जाने और उसका दुर उपयोग करने के मामले में आज़म फेमिली को दी गई सात साल की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी।

अदालत ने फैसले मे क्या टिप्पणी दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को 58 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि आरोपी की प्रकृति और अभियुक्तों के खिलाफ सारा रिकॉर्ड पर प्रार्थित सबूतों पर विचार करते हुए मुझे प्रतीत होता है कि मोहम्मद आजम खान का मामला डॉ तंजीम फातमा और मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म खान के मामले से अलग है, ऐसे में आजम खान के लिए सजा का फैसला स्थगित/निलंबित रहेगा, लेकिन डॉक्टर तंजीम और मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म खान के लिए फैसले और सजा के आदेश पर रोक लगाने की अर्जी खारिज कर दी है।

रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने दी थी सजा

रामपुर की विशेष अदालत ने आजम फैमिली को सात सात साल की सजा को आज़म खान पत्नी तंजीम फातमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में आज़म खान को राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी और उन्हें बैल दे दी।

पत्नी तंजीम फातमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म को जमानत तो दे दी है, लेकिन सजा पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया है, रामपुर की विशेष अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को तीनों को सात सात साल की सजा सुनाई थी और 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था, जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया था, तीनों याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 14 म ई को अपना जजमेंट सुरक्षित रख लिया था।


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