उत्तर प्रदेश बस्ती – यहां एक बेटे ने अपने ही चिकित्सक पिता की महंगी कार पहले तो खुद ही बेच दिया। उसके बाद उसी ने थाने में कार चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। जिसके बाद पुलिस के सामने जांच पड़ताल कर कार चोरी मामला खुलकर सामने आया तो पुलिस भी रची गई कहानी को सुनकर हैरत में पड़ गई। दरअसल बस्ती जिले में डॉ राकेश कुमार सिंह (आर के सिंह) रेलवे स्टेशन के पास एक मार्केट में दंत अस्पताल चलते हैं। उनका 22 वर्षीय बेटा रोहन कुमार सिंह उनके कामकाज में हाथ बंटाता है। लेकिन रोहन को लेकर उसके पिता अच्छी शिक्षा देकर किसी काबिल बनाना चाहते हैं। इसलिए वह उसे हर मौका दिया करतें थे।इसी के तहत रोहन ने अपने पिता से कहीं घूमने की इच्छा जताई और उनसे कार से घूमने की बात कही पहले तो डाक्टर राकेश ने उसे गाड़ी देने से मना किया लेकिन मां सरस्वती के कहने पर वह राज़ी हो गए। जिसके बाद रोहन पिता की कार यूपी 78 सी 7858 एसवी लेकर घर से यह कहकर निकल गया कि वो लखनऊ सहित अन्य बहुत सी जगहों पर घूम कर चार सात दिन में लौट आएगा। दोनों माता पिता ने समझा बुझाकर उसे ध्यान से गाड़ी चलाने की सलाह दी और रोहन निकल गया। लेकिन रोहन तीसरे दिन ही घर वापस लौट आया उस समय उसके होश उड़े हुए थे। रोहन रो रहा था। मां ने पिता को फोन कर घर बुलाया और उसके इस तरह घबराएं होने का कारण पूछा गया। पहले तो वह रोने लगा फिर हिम्मत करके उसने बताया कि वह हाइवे के एक ढाबे पर खाना खाने के रुका था जहां कुछ अज्ञात लोगों ने उसकी कार को चोरी कर लिया। तमाम कोशिशों के बाद भी रोहन ने इस बात का दावा किया कि कार को चोरी कर लिया गया है, और मैंने चोरों देख तक तक नहीं उसकी बात पर भरोसा कर पिता डा राकेश ने रोहन के साथ ढाबे पर जाकर वहां देखा और मामले की सूचना पुलिस को दी।रोहन की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात वाहन चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला तो रोहन कार में सवार दिखाई दिया। लेकिन रेंज से बाहर उसकी कार कहा गयी इस बात की कोई जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगीं। जिसके बाद पुलिस रोहन की फोटो लेकर उस ढाबे पर पहूंची जहां उसने खाना खाया था और गाड़ी चोरी होने की बात कही थी। जांच अधिकारी अजय कुमार झा ने ढाबा संचालक जीत धर्म सिंह से पूछताछ की तो उन्होंने कुछ संदेहास्पद बातें उन्हें बताई। उन्हें बताया गया कि रोहन ढाबे पर आया था और उसने तीन अन्य लोगों के साथ खाना खाया और कुछ बेचने खरीदने की बात चल रही थी। बाद उन्होंने ढाबे पर काम करने वाले लोकेश से पूछताछ की उसने भी इस बात की पुष्टि की जिसके बाद पुलिस को रोहन पर संदेह होने लगा। उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से उन तीनों व्यक्तियों को ढूंढ निकाला जो उस दिन रोहन के साथ ढाबे पर मौजूद थे। पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो कार चोरी का सारा माजरा खुल गया। दरअसल रोहन ने कार को दीपख नामक के व्यक्ति को बेच दिया था। उसने दीपक को पैसे जरुरत बताते हुए कहा कि उसके मां की हालत बेहद खस्ता है और उसके इलाज के लिए पैसों की जरूरत है।दीपक रोहन का दोस्त था वह मेरठ का रहने वाला है। दोनों एक कालेज में साथ पढ़ते थे। दीपक के पिता एक सरकारी नौकर है। दीपक ने रोहन की बात पर भरोसा करते हुए उसे 3 लाख रुपए दे दिए और उसके एसवी कार ले ली। इसके लिए उसने एक स्टाप पर एग्रीमेंट कर दिया लेकिन दीपक इस दौरान यह बात भूल गया कि कार रोहन की मां नाम से पंजीकृत हैं। स्टाप पर उनके हस्ताक्षर होना चाहिए। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जानकारी डॉ राकेश कुमार सिंह को दी । और पुलिस को गुमराह करने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
शमा परवीन के साथ एम सलीम खान