यहां एक घर से रात-दिन आती थी सुबकियो की आवाज,आसपास के लोगों ने पुलिस से की शिकायत, मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कमरे का अंदर का नजारा तो पुलिस का भी पसीज गया दिल

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(अंदर प्रवेश करते ही पुलिस महकमे के आला अधिकारियों भी रह गये दंग)

(मासूम बच्चे को जंजीरों में जकड़ रखा था दो दिनों से रोटी पानी बंद कर रखा था सौतेले पिता और मां ने)

एम सलीम खान ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक गांव से गांव में एक बंद कमरे से पिछले एक सप्ताह से किसके के सुबकने की आवाज आने से आसपास के रहने वाले हैरान थे,उस घर में रहने वाले अन्य लोग इस बात को लगातार नज़र अंदाज़ कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों और भी हैरात में थे, लोगों ने कई बार इस बात की शिकायत घर में रहने वाले लोगों से की लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद इस मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस से की गई तो पुलिस मौके पर पहुंची तो उस घर में रहने वाले लोगों के होश उड़ गए, और घर का मुखिया अली जफर और उसकी पत्नी जैतुन बेगम पुलिस से भीड़ गई, दोनों ने पुलिस को अंदर आने से मना करते हुए आला अधिकारियों से शिकायत करने की धौंस दी तो पुलिस का शक और गहरा गया, जिसके बाद मौके पर महिला पुलिस कर्मियों को बुलाया गया और पुलिस घर के अंदर पहुंची तो घर में एक कमरे में ताला लगा हुआ था, पुलिस ने घर में बने हर कमरे की तलाशी ली, लेकिन ताला लगें कमरे में जब पुलिस ने तलाशी लेने की बात कही तो ज़फ़र ने ताले की चाबी न होने का बहाना बनाकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने कमरे का ताला तोड़कर दिया और अंदर का नजारा देख कर पुलिस भी पसीज गई, अंदर एक 15 साल का मासूम बच्चा जंजीरों से जकड़ा हुआ भारी भरमक तख्त से जकड़ कर कैद हुआ नीचे जमीन पर बेसुध हालत में पड़ा हुआ था, पुलिस ने जंजीरों का ताला तोड़कर नाबालिग लड़के को मुक्त कराया और पुलिस ने उसे तुरंत नजदीक के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया, जिसके बाद पुलिस ने घर के मुखिया ज़फ़र उसकी पत्नी जैतुन बेगम और बड़े बेटे नफीस को हिरासत में ले लिया और उन्हें पुलिस चौकी ले आईं।

नाबालिग लड़के ने पुलिस को क़ैद करने की बताईं वजह तो पुलिस भी कसक उठी

नाबालिग लड़के ने होश में आने के बाद पुलिस कैद करने की वजह बताई तो पुलिस भी मासूम के साथ इस तरह के व्यवहार की बात सुनकर करहा उठीं, दरअसल ज़फ़र की पहली पत्नी रुकसाना का एक बीमारी के चलते देहात हो गया था, जिसके बाद उसने इसी गांव की रहने वाली जैतुन बेगम से निकाह कर लिया, नाबालिग उस्मान ज़फ़र की पहली पत्नी का बेटा था, जैतुन ने दो बच्चों को जन्म दिया, बच्चों की पैदाइश के बाद जैतुन का सौतेले व्यवहार का शिकार हुए उस्मान को जैतुन छोटी छोटी बातों को लेकर उसके साथ निर्मम तरीके से मारपीट करती थी, उस्मान के मुताबिक जैतुन उसे कई दिनों तक रोटी पानी कुछ नहीं देती थी, अगर उस्मान अपने पिता ज़फ़र से शिकायत करता था तो वे भी उसके साथ वैहाशी पाने से मारपीट किया करता था।

इस बात की दी थी सजा उस्मान ने बताया

उस्मान ने बताया कि वह बीते एक सप्ताह पहले वह बच्चों के साथ खेल रहा था, इसी दौरान उसकी मां जैतुन बेगम आईं और उसके हाथ दो बाल्टी देते हुए कहा कि इनमें पानी लेकर आ, उस्मान खेल में शामिल था और उसने दोनों बाल्टियां एक तरफ रख दी और खेल में लग गया, काफी देर तक जब वे जब पानी लेकर नहीं पहुंचा तो जैतुन बेगम उसे मारपीट कर घर ले आईं और अपने पति ज़फ़र को फोन कर बुलाया, ज़फ़र ने घर आने के बाद सारी बात सुनी और दोनों ने उसके साथ मिलकर निर्मम तरीके से मारपीट की ओर घर में पड़ी दो जंजीरों से उसके हाथ पांव जकड़ कर उसे एक कमरे में कैद कर दिया और ज़फ़र ने कहा इसे खाने पीने के लिए कुछ नहीं देना।

बिलखता रहा मासूम उस्मान लेकिन मां बाप पर नहीं हुआ कोई असर

उस्मान ने आगे बताया कि उसके साथ बुरे तरीके से मारपीट की गई और अगले दो दिनों तक उसे पानी तक पीने को नहीं दिया गया, तीसरे दिन उसे एक रोटी और एक गिलास पानी दिया गया, उस्मान ने जैतुन बेगम और ज़फ़र से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए उसे आजाद करने की गुहार लगाई, उस्मान ने कहा अम्मी अब्बू अब गलती नहीं करुंगा मुझे खोल दो, लेकिन दोनों हेवान मां बाप का दिल नहीं पसीजा और उसे कैद ही रखा।

पड़ोसियों की सतर्कता से मुक्त हुआ उस्मान वरना हो सकती थी मौत

इन दोनों हेवान मां बाप के पड़ोस में रहने वाले जय सिंह की सतर्कता से उस्मान की जान बच गई,जय सिंह की पत्नी ने जब उन्हें बताया कि दिन और रात भर कोई ज़फ़र के घर से किसी बच्चे की सिसकारियां भरने की आवाज सुनाई देती है तो जय सिंह ने रात भर जग कर इस बात की तफ्तीश की उनकी पत्नी की बात सच साबित हुई, जिसके बाद उन्होंने ज़फ़र और उसकी पत्नी से बातचीत की तो उन्होंने बात को इधर-उधर घुमा दिया, जिसके बाद उन्होंने इस मामले की सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने मामले को लिया गंभीरता से

स्थानीय चौकी प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत एक्शन लेते हुए जब बंद पड़े कमरे का दरवाज़ा खोला तो उनका भी दिल दहल गया और उस्मान को उन्होंने मुक्त कराने के बाद अस्पताल भेज दिया, उस्मान ने उन्हें बताया कि उसने दो दिनों से कुछ नहीं खाया है, जिसके बाद उन्होंने उसके खाने पीने की व्यवस्था कराई और उस्मान के इलाज में आने वाले खर्च का खुद उठाने का फैसला लिया।

बाल संरक्षण समिति ने भी ली जानकारी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश

उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण समिति ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए गोरखपुर के आला पुलिस अफसरों को सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल लाने का आदेश दिया है, समिति के जनरल सेक्रेटरी विमल कुमार मिश्रा ने गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित एसपी देहात को चिट्ठी लिखकर सभी आरोपियों पर बाल उत्पीड़न अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करने को कहा है, बताया जा रहा है कि समिति के कुछ सदस्यों द्वारा जल्दी ही पीड़ित मासूम बच्चे से मुलाकात भी की जा सकती है, हालांकि पुलिस ने पहले ही मामले से जुड़े सभी तीनों आरोपियों को गिरफतार कर उनके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है, पुलिस ने ज़फ़र उसकी पत्नी जैतुन बेगम और बड़े बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, तीनों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है।


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