माशूका की हसरत पूरी करने के लिए आशिक बेटे ने पिता की दुकान से चोरी किए हजारों रुपए इस तरह खुला राज

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यूपी तिलहर – एक युवक ने अपनी महबूबा के माहगे अरमानों को पूरा करने के लिए अपने ही पिता की गढ़ी कमाईं पर डाका डाला दिया।जब पिता के सामने सच्चाई उजागर हुई तो उनके भी होश उड़ गए। दरअसल तिलहर थाना क्षेत्र के रहने वाले सत्येन्द्र नाथ यही पर एक किराना की थोक दुकान चलते हैं। उनके परिवार में पत्नी के अलावा उनकी पुत्री दीप्ति 21 वर्ष जो दिल्ली में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही है और उनका पुत्र दीपक है।दीपक यही के एक राजकीय उच्च माध्यमिक इंटर विद्यालय में 11वी की पढ़ाई कर रहा है।उनकी करीब सात एकड़ कृषि भूमि भी है।जिसे उन्होंने बटाई पर दिया हुआ है। सत्येन्द्र अपनी थोक की दुकान से आसपास के क्षेत्रों में किराने का सामान सप्लाई भी करते हैं। उनकी दूकान पर दो नौकरों के अलावा दीपक भी उनका हाथ बांटता है। बीती 19 जनवरी को उनका नौकर श्याम सिंह आसपास के दुकानदारों से माल की रकम 98000 की वसूली कर लाया और उसने यह रकम सत्येन्द्र नाथ को देदी। उन्होंने रकम को गल्ले में रख दिया, और इसी बीच दीपक दुकान पर पहुंच गया। उन्होंने उसे दुकान पर बैठने को कहा और खुद किसी काम से बरेली के फरीदपुर जाने की बात कहकर वो अपनी मोटरसाइकिल से चले गए। जिसके बाद दीपक दुकान पर मौजूद था।शाम होने तक जब सत्येन्द्र नाथ वापस दुकान पर नहीं लौटे तो दीपक ने दुकान बंद कर दी, और वह भी चर चला गया। अगले दिन सुबह सत्येन्द्र नाथ वापस लौटें और दुकान खोली उनके नौकर भी दुकान पर आ गये। करीब शाम के 6 बजे जब एक सप्लायर सत्येन्द्र नाथ के पास माल की रकम लेने पहुंचा तो उन्होंने उसे एक लाख रुपए से अधिक की रकम देने के लिए दुकान का गल्ला खोला तो उसमें से वो 98000 रुपए गायब थे जो उनके नौकर ने वसूली कर उन्हें दिए थे। सत्येन्द्र नाथ ने दोनों नौकरों से जानकारी ली तो उन्होंने भी हैरत जताई। जिसके बाद दीपक को फोन कर बुलाया गया और उससे भी पूछा गया लेकिन उसने भी कह दिया कि उसे कोई जानकारी नहीं है, और दुकान पर कोई आया गया भी नहीं जिसके बाद नाथ ने पूरी दुकान को छान दिया लेकिन रुपए का कोई पता नहीं चला। जिसके बाद उन्होंने तिलहर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस ने शक के आधार पर दोनों नौकरों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया और उनसे गहनता से पूछताछ की लेकिन सत्येन्द्र नाथ ने पुलिस को बताया कि यह दोनों पिछले पांच सालों से उनके साथ काम कर रहे हैं, लेकिन आज तक इनकी कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि दोनों नौकर लाखों हजारों रुपए वसूल कर लाते हैं आज तक एक रुपए की गड़बड़ी नहीं हुई। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। तमाम कोशिशों के बाद चोरी का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल रहा था। अचानक पुलिस की रडार पर दीपक आ गया। पुलिस ने सत्येन्द्र नाथ को फोन कर दीपक को थाने बुलाया और उनसे गहनता से पूछताछ की दीपक पुलिस को इधर-उधर की बातें बनाकर गुमराह करने लगा ‌। वहीं सत्येन्द्र नाथ ने भी कहा कि दीपक चोरी क्यों करेगा सबकुछ उसी का ही तो जिसके बाद पुलिस ने उसे घर भेज दिया। लेकिन पुलिस को पूरा शक हो गया कि कहीं न कहीं दीपक इस मामले में लिप्त है। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल जारी रखी। इसी दौरान पुलिस ने दीपक के काल रिकार्ड की जांच की तो उसकी एक नंबर पर घंटों घंटों बातचीत करने का मामला सामने आया। पुलिस ने डिटेल तलब की तो वह नंबर किसी शैलेन्द्र सिंह के नाम के व्यक्ति का था। पुलिस ने उसे थाने बुलाया तो पता चला कि यह नंबर उसने अपनी छोटी बहन गीता को दे रखा है। जिसके बाद पुलिस ने गीता को भी थाने में बुला लिया और उससे दीपक से हुई बातचीत की जानकारी ली तो सारा राज खुलकर सामने आ गया। दरअसल गीता भी उसी विधालय में 10वी की छात्रा है जहां दीपक पढ़ाई करता है। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई और दोनों एक दूसरे से इश्क कर बैठें।गीता ने दीपक से एक महंगे मोबाइल फोन की इच्छा जताई तो उसने उसे मोबाइल फोन दिलाने का वादा कर लिया। तमाम कोशिशों के बाद भी दीपक पैसों का इंतेजाम नहीं कर पा रहा था। वहीं गीता उसे रोज फोन पर तने देकर एक छोटी सी मांग पूरी न करने का बाते सुनकर उसे धमका रही थी। जिसके बाद दीपक ने अपने पिता की दुकान से रूपए चोरी करने की साज़िश रची और उसने 98000 रुपए की चोरी कर गीता को एक महंगा मोबाइल फोन दिलाया और शेष रुपए से उसे महंगे कपड़े आदि खरीद कर दे दिए।सारी जानकारी जब दीपक के पिता को दी गई तो वह भी हैरान हो गए। फिलहाल इस मामले में पुलिस को तहरीर नहीं दी गई।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


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