घर की अलमारी में रखे ढाई लाख रुपए हो गए चोरी,मालिक से ज्यादा नौकर को रही थी फ्रिक, फिर पुलिस ने इस तरह पकड़ा चोर

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उत्तर प्रदेश – यहां एक घर की अलमारी में रखे ढाई लाख रुपए रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। घर में पति पत्नी के एक नौकर और नौकरानी ही। नौकरानी सुबह शाम घर का काम करने आती थी। लेकिन नौकर पति पत्नी के साथ उनके घर में रहता था। दरअसल जोया के रहने वाले संदीप सिंह दिल्ली रोड स्थित गजरौला की एक निजी कंपनी में बतौर एकाउंटेंट के तैनात हैं। उनकी पत्नी दीपिका सिंह जोया में उनके पुश्तैनी मकान ही रहती है। उनकी शादी को करीब डेढ साल हुआं है। चूंकि पत्नी पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे हैं तो संदीप ने घर के काम करने के लिए एक मुकेश नामक युवक को घर पर रख लिया। संदीप मुकेश के पिता को अच्छी तरह जानते थे, संदीप की ही कंपनी में मुकेश के पिता शंकर प्रसाद चौकीदार के रूप में काम करते हैं। संदीप ने उनसे किसी नौकर की तलाश को कहा तो उन्होंने मुकेश को उसके साथ भेज दिया।घर के अन्य कामों के संदीप ने एक नौकरानी अलग से रखी हुई थी। मुकेश ऊपर के कामकाज देख लिया करता। उसने करीब पांच महीने में संदीप ओर उसकी पत्नि के दिल में जगह बना ली मुकेश जमकर दोनों की सेवा करता। जिसके एवज में संदीप मुकेश के पिता को आठ हजार रुपए महीना दिया करता था। लेकिन पिछले महीने यानी 22 जनवरी को संदीप के घर में एक वारदात ऐसी हो गई जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। दरअसल संदीप ने 22 जनवरी को कंपनी से ढाई लाख रुपए लाकर घर की अलमारी में रखे थे।जब उसने 24 जनवरी को पैसे निकालने के लिए आलमारी खोली तो रुपए गायब थे। जिसके बाद पैसों की तलाश में घर का कोना कोना छान दिया गया, लेकिन रुपए का कोई पता नहीं चला। दरअसल वह पैसें संदीप को कंपनी के खाते में जमा करवाने थे। लेकिन पैसे अपनी जगह से गायब थे। जैसे तैसे संदीप ने रुपए का इंतेजाम कर पैसे कंपनी के खाते में जमा तो करा दिए लेकिन उसके दिमाग में यह नहीं आ रहा था कि रुपए गये तो गये कहा इसी बात को लेकर उसकी पत्नी भी बेहद परेशान हो रही थी। दोनों ने मामले की सूचना पुलिस को देने का फैसला किया और संबंधित पुलिस चौकी में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान मुकेश भी उनके साथ परेशान होता रहा। चौकी प्रभारी जय सिंह दीक्षित ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने सबसे पहले घर की नौकरानी बला देवी से पूछताछ की लेकिन उसने पैसे की जानकारी होने की बात से साफ इंकार कर दिया। संदीप ने भी पुलिस को बताया कि बला सुबह शाम उसके घर पर काम करने आती है। उसे पैसों के बारे में जानकारी हो नहीं सकती।इस दौरान मुकेश बार बार पुलिस चौकी जाता और पुलिस कर्मियों से कहता साहब मेरे साहब के पैसे ढूंढ दो एक दो बार तो पुलिस ने सोचा नौकर है इसलिए पैसों की चिंता कर रहा है। लेकिन जब उसने बार बार पुलिस चौकी जाना शुरू कर दिया तो पुलिस को उस पर संदेह होने लगा। पुलिस ने जांच का दायरा मुकेश पर केन्द्रित कर दिया। पुलिस उसकी दैनिक गतिविधियों पर नजर रखने लगी। 27 जनवरी को मुकेश घर से निकाल तो एक सिपाही ने उसका पीछा किया। मुकेश एक दुकान पर पहुंचा जहां से उसने महंगे जूते खरीदें उसके बाद बह एक मोबाइल शाप पर गया और एक महंगा मोबाइल फोन देखा लेकिन उसे खरीदा नहीं जब मुकेश वापस लौट गया तो सिपाही ने मोबाइल फोन की दुकान पर पूछताछ की तो पता चला कि उसने 25000 रुपए का कीमती मोबाइल फोन पसंद किया है और कल लेने की कही है। उसके बाद जूते की दुकान से जानकारी ली तो पता चला कि उसने बुडलैड के जूते खरीदें है जिनकी कीमत करीब ढाई हजार रुपए है।बस यही वजह बन गई पुलिस को उस पर पूरा शक हो गया। जिसके बाद अगले दिन सुबह मुकेश को पुलिस चौकी बुलाया गया और उससे पूछताछ की गई। पहले तो उसने अपनी वफादारी की कसमें खाईं लेकिन जब जूते और मोबाइल फोन की बात उसे बताई गई तो उसने फिर एक बार पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। उसने कहा कि साहब जी जो पैसे मुझे संदीप सर देते हैं मैं उन्हें जोड कर मोबाइल खरीद रहा हूं। जिसके बाद पुलिस ने संदीप को चौकी बुलाया और उसे दिए जाने वाले पैसों की जानकारी ली तो पता चला कि उसकी तनख्वाह उसके पिता को दी जाती है।सौ दो सौ रुपए मुकेश को देना अलग बात है। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई तो मुकेश ने सारा माजरा बताया दिया। दरअसल जिस दिन संदीप ने आलमारी में पैसे रखे थे।उसी दिन शाम को मुकेश ने उनकी पत्नी के सो जाते ही चोरी छिपे अलमारी की चाबी निकालकर उसी शाम को पैसे निकाल लिए थे। उसने वो पैसे अपने एक दोस्त को रखने के लिए दे दिया थे।उसका दोस्त जोया के एक ढाबे पर काम करता है। पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया।जिसका नाम योगेश है। उसने पुलिस को 2 लाख 15 हजार रुपए लौटा दिए। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


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