नये परिंदों ने निकायों चुनावों के लिए भरी हुंकार तो पूराने परिंदों को नहीं दी जाएगी अहमियत

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एम सलीम खान ब्यूरो

उत्तराखंड में निकाय चुनावों की सुगबुगाहट के बाद राजनीतिक दलों से जुड़े युवाओं ने पूरे दमखम के साथ अपनी दावेदारी पेश करना शुरू कर दिया, सत्तारुढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के पास मेयर और पार्षदों का टिकट का दावा करने वाले लोगों की फेहरिस्त है, लेकिन अभी इस बात के बात के संकेत मिल पाए कि रुद्रपुर नगर निगम की मेयर सीट आरक्षित होंगी या समान्य सीट घोषित होगी,बरहल जो भी हो लेकिन आए दिन मेयर की कुर्सी तक पहुंचने का दावा पेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है, वहीं नगर निगम के 40 वार्डों में भी पार्षद पद के दावेदारों की लंबी चौड़ी फौज खड़ी हो गई, भाजपा और कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ अपनी दावेदारी ठोक दी चलिए पहले मेयर बनाने वाले नेताओं के बारे में जानकारी देते हैं।

1- भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा

भाजपा नेता विकास शर्मा मेयर की दावेदारी में पहले स्थान पर है, शर्मा लंबे समय से नगर निगम तक पहुंचने की जुगत भिड़ा रहे हैं,यह कहना ग़लत नहीं होगा कि विकास शर्मा सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लुटिया यार है, यहां बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विकास शर्मा युवा भाजपाइयों में शुमार है,इसकी चलते मेयर की कुर्सी की दावेदारी के लिए उन्हें टिकाऊ प्रत्याशी माना जा रहा है।

2- सुशील गाबा युवा भाजपाई नेता

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले युवा भाजपा नेता सुशील गाबा का नाम दूसरे नंबर आता है, सुशील गाबा राजनीति के अलावा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, वहीं सुशील उस समय मीडिया की सुर्खियों में बने हुए थे जब उन्होंने रुद्रपुर से अयोध्या तक राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पैदल यात्रा की और सकुशल अपना सफर पूरा किया था, माना जा रहा है कि भाजपा सुशील गाबा पर पर दांव लगा सकती है ‌।

3- पूर्व मेयर रामपाल सिंह भी दौड़ में हैं शामिल

अगर रुद्रपुर नगर निगम की मेयर की कुर्सी फिर एक बार आरक्षित होती है, भाजपा फिर से पूर्व मेयर रामपाल सिंह को मैदान में उतर सकती है, हालांकि उनका पिछला कार्यकाल विवादों से भरा रहा, कांग्रेस और व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने मेयर रामपाल सिंह की किरकिरी कि थी, बहुत से निर्माण कार्यों को लेकर मेयर रामपाल पर हाशिए पर आ गए थे,इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि भाजपा नेतृत्व उन पर दाव लगने से परहेज़ कर सकता हैं।

4- कांग्रेस नेत्री मीना शर्मा पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व पालिकाध्यक्ष तथा कांग्रेस के टिकट पर रुद्रपुर से विधायक का चुनाव लड चुकी श्रीमती मीना शर्मा को कांग्रेस मेयर के चुनावों में मेदान में उतर सकती है, जिसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि मीना शर्मा और उनके पति वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनिल शर्मा का सरल स्वभाव और मृदुल भाषा और पूर्व मे निकाय चुनावों में हासिल जीत को देखते हुए पार्टी उन्हें उम्मीदवार बना सकती है।

5-महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सीपी शर्मा

कांग्रेस के कर्मठ और जुझारू नेता और महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सीपी शर्मा का नाम भी सुर्खियों में है, माना जा रहा है मेयर की कुर्सी समान्य होने की स्थिति में कांग्रेस नेतृत्व सीपी शर्मा को भी मेयर का टिकट दे सकतीं हैं, उनके साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा की भी पूरी सहमति भी है, सीपी शर्मा महानगर अध्यक्ष से पहले कांग्रेस कामगार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं, जिसके चलते उन्हें मजदूर यूनियनों सहित अन्य संगठनों का समर्थन भी हासिल है।

6- निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यह लड़ सकते हैं मेयर का चुनाव

मेयर की कुर्सी के एक ओर दावेदार का नाम सामने आ रहा है,यह नाम ओर कोई नहीं बल्कि शहर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के छोटे भाई संजय ठुकराल का है, हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस संजय ठुकराल पर जुआ खेल सकतीं हैं और अगर ऐसा होता है संजय ठुकराल गेम चेंजर साबित हो सकतें हैं,इसकी वजह यह है कि की संजय के बड़े भाई और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड कर साबित कर दिया था कि वो निगम की कुर्सी तक पहुंचने के प्रबल दावेदार हैं और इन निकाय चुनावों में आपने भाई को चुनावी रण में मैदान में उतर सकते हैं,अगर संजय निर्दलीय प्रत्याशी के तौर भी चुनाव लड़ते हैं चुनावी समीकरणों में बढ़ उलट पलट हो सकता है ‌।

7- व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने भी कांग्रेस से ठोकी है ताल

लंबे अर्से से रुद्रपुर व्यापार मंडल की अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज संजय जुनेजा ने भी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा को अपनी दावेदारी का पत्र सौंपा दिया है, जुनेजा हमारी लिस्ट में सातवें पायदान पर है, संजय के हमसफ़र हरीश अरोड़ा आगमी व्यापार मंडल के चुनावों में हार गए थे, वहीं उनके मुकाबले मनोज छाबड़ा ने अपनी जीत दर्ज कराई थी, इसके अलावा संजय जुनेजा के एक ओर महारधी पवन गाबा पल्ली भी इन चुनावों में मुह के बल गिर गये थे,इसी वजह से उनकी दावेदारी को खास अहमियत नहीं दी जाएगी, इसके अलावा कांग्रेस में बहुत से ऐसे लोग हैं जो बरसों से संगठन में पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं ‌।


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