लोकसभा चुनाव 2024_कांग्रेस ने इन वरिष्ठ नेताओं के साथ की बैठक दो सीटों पर फंसा पेंच

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एम सलीम खान प्रभारी संपादक की रिपोर्ट 

देहरादून – लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सूबे में आचार संहिता भी लागू हो गई है, लेकिन सूबे में विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक दो सीटों पर अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है, जबकि तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारो की घोषणा कर दी गई है, लेकिन नैनीताल ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट और हरिद्वार लोकसभा सीट पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है, केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक से पूर्व राज्य के आला कांग्रेसी नेताओं के साथ प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी ने बैठक की है, इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, और प्रीतम सिंह मौजूद रहे, पार्टी को उत्तराखंड की दो लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारो की घोषणा करना बाकी है।

लोकसभा चुनाव के लिए संगठन ने गढ़वाल, टिहरी और अल्मोड़ा सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जबकि नैनीताल ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार सीट पर उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा हुआ है, गढ़वाल सीट से गणेश गोदियाल, टिहरी से जीत सिंह गुनसोला और अल्मोड़ा लोकसभा सीट से प्रदीप टम्टा को चुनावी रण में उतारा गया है, इसमें गणेश और गुनसोला पहली मर्तबा लोकसभा चुनाव लड रहे हैं, वहीं प्रदीप टम्टा को तीसरी मर्तबा चुनावी मैदान में उतारा गया है।

गढ़वाल सीट से गणेश पर जताया भरोसा

कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में गहनता से विचार विमर्श करने के बाद उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में से अब तक तीन सीटों पर उम्मीदवारो की घोषणा की गई है, सूबे में दो बार विधानसभा पहुच चुके विधायक और कांग्रेस के उत्तराखंड के पूर्व मुखिया गणेश गोदियाल पर कांग्रेस ने भरोसा जताते हुए गढ़वाल सीट पर गणेश पर दांव लगाया है।

वहीं मसूरी विधानसभा सीट से साल 2002 और 2007 में विधानसभा के लिए चुने गए जोत सिंह गुनसोला को संगठन ने उन्हें टिकट दिया है, उनके मुकाबले इस सीट पर शाही का मजबूत जाल तोड़ने की बड़ी चुनौती है, आरक्षित अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर इस बार प्रदीप टम्टा को कांग्रेस के महारथी के तौर पर जंग के मैदान में उतारा गया है,2009 के चुनावों में इस सीट पर उन्होंने विजय हासिल की थी, वहीं 2014 और 2019 के चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त मिली थी।

चुनाव प्रचार प्रसार में पीछे कांग्रेस

भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले कांग्रेस प्रचार प्रसार में पीछे है, हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रचार प्रसार का बिगुल बजा दिया है, बल्कि उन्होंने जनता के बीच जाना भी शुरू कर दिया है, वहीं गढ़वाल लोकसभा सीट पर अनिल बलूनी भी प्रचार प्रसार में कूद पड़े हैं, जबकि कांग्रेस हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए अभी तक उम्मीदवार भी तय नहीं कर पाई है।

कांग्रेस उम्मीदवारों की एक दूसरे को लेकर खींचतान

दर्जनों दावेदार होंने के बावजूद आपसी खींचतान के चलते केन्द्रीय चुनाव समिति ने दोनों सीटों पर टिकट को पैंडिंग में रखा दिया है, हरिद्वार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने पुत्र वीरेंद्र रावत को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है,वे अपने बेटे के लिए संगठन से टिकट की मांग कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस मांग पर डटे हुए हैं कि यहां हरीश खुद चुनावी रण में डटे य फिर उन्हें ही अवसर दिया जाएं, नैनीताल लोकसभा सीट पर भी दावेदारों की लंबी कतार है जिसके कारण आपसी तालमेल नहीं बैठ रहा है और खींचतान का माहौल बना हुआ है।

यहां से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या,उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेन्द्र पाल, रणजीत रावत, प्रकाश जोशी के नामों पर करीब करीब सहमति जताई गई है, जबकि संगठन में एक बड़ा हिस्सा नैनीताल ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट से जातीय समीकरण के मुताबिक यशपाल आर्या को सशक्त उम्मीदवार के तौर पर देख रहा है।


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