अब लोकसभा चुनाव के बाद निकाय चुनावों की तैयारी भाजपा और कांग्रेस में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त

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(मेयर के टिकट को लेकर मची घमसान भाजपा नेता और कांग्रेस नेताओं ने शुरू की कवायद)

उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटों पर मतदान के बाद अब निकाय, नगरपालिका, नगर पंचायत चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई है, सूत्रों के मुताबिक नगर निगम रुद्रपुर की मेयर सीट सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं,जिसे लेकर सत्तारुढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने शामिल नेताओं ने अपनी क़मर कस ली है,यह कहना ग़लत नहीं होगा कि भाजपा और कांग्रेस के बहुत से नेता आम जनता में रेट पेट बनाने में लग गए हैं, चलिए जानते हैं कौन कौन है प्रबल दावेदार।

सबसे पहले बात करते हैं सतारूढ़ भाजपा की भाजपा की ओर से मेयर की कुर्सी का दावा करने वालों में पेश करने वाले की लंबी फेहरिस्त है।

विकास शर्मा

भाजपा नेता विकास शर्मा

लंबे अर्से से भाजपा में सक्रिय भूमिका निभाने वाले विकास शर्मा रुद्रपुर नगर निगम की मेयर की कुर्सी के प्रबल दावेदार हैं, विकास शर्मा मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री नियुक्त हैं, इसके अलावा शर्मा देवभूमि व्यापार मंडल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, माना जाता है कि विकास शर्मा सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बाल सखा है और उनकी संगठन में मजबूत पकड़ है,जिसे लेकर सत्तारुढ़ भाजपा अगर मेयर की कुर्सी तक पहुंचने के लिए उन पर दाव लगा सकती है।

भाजपा भूषण चुघ

भारत भूषण चुघ

मेयर की कुर्सी तक पहुंचने में दूसरे स्थान पर भाजपा के आर्थिक प्रकोष्ठ के संयोजक भारत भूषण चुघ है,चुघ भी सत्तारुढ़ भाजपा में सक्रिय भूमिका निभाने में पीछे नहीं है, उनकी भी भाजपा के दिग्गज नेताओं में काफी रेट पेट है,चुघ हैंडिकैप्ड खिलाड़ियों को सहयोग करने में बेहद मजबूत पकड़ रखते हैं।

सुशील गाबा भाजपा नेता

 

सुशील गाबा भाजपा नेता

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले युवा भाजपा नेता सुशील गाबा भी मेयर की कुर्सी की तक पहुंचने में तीसरे स्थान पर है,गावा ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रुद्रपुर से अयोध्या तक पैदल यात्रा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया था, माना जा रहा है कि शहर विधायक शिव अरोरा के सबसे नजदीकी नेताओं में शुमार सुशील गाबा भी मेयर का टिकट लेने की दौड़ में शामिल हैं।

कांग्रेस नेत्री मीना शर्मा

अगर कांग्रेस किसी महिला उम्मीदवार को मेयर का टिकट देती है तो सबसे पहला उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा सबसे पहले पयादान है, मीना शर्मा कांग्रेस के कांग्रेस के टिकट पर रुद्रपुर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है, इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर नगरपालिका अध्यक्ष पद का चुनाव भी जीत था, इन आंकड़ों के हिसाब से मीना शर्मा मेयर का टिकट लेने की सशक्त उम्मीदवार हैं।

संजय जुनेजा व्यापार मंडल अध्यक्ष

संजय जुनेजा व्यापार मंडल अध्यक्ष

रुद्रपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष पद पर लंबे समय से काबिज संजय जुनेजा ने तो कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा से मुलाकात कर अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है, जुनेजा पूर्व मंत्री और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड के बेहद नजदीक मानें जातें हैं, वहीं उनकी व्यापारियों में मजबूत पकड़ है।

 

संजय ठुकराल

संजय ठुकराल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं

रुद्रपुर नगर निगम की मेयर सीट के लिए एक ओर नाम सामने आ रहा है, जो नाम है पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के छोटे भाई संजय ठुकराल का संजय भी निकाय चुनावों में अपना भविष्य आजमा सकते हैं, संजय ठुकराल को मीनी विधायक के तौर पर एक समय में जाना जाता था, संजय समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, उन्हें भी क्षेत्रीय युवाओं का बड़ा समर्थन हासिल है, माना जा रहा है कि संजय निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर महापौर की कुर्सी तक पहुंचने की जुगत भिड़ा रहे हैं,अगर ऐसा होता है तो भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बदल सकते हैं, चूंकि संजय ठुकराल भी शहर का चर्चित चेहरा है।

राजेश यादव भाजपा नेता

भाजपा की ओर से एक ओर नाम सामने आ रहा है, राजेश यादव का राजेश यादव भाजपा के सक्रिय नेताओं में शामिल हैं, यादव उत्तराखंड आंदोलन में भी अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं, इसके अलावा अहीर जाति समुदाय में उनकी अच्छी खासी पकड़ है, हालांकि अभी तक उन्होंने अपनी दावेदारी पेश नहीं की है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक राजेश यादव भी मेयर की कुर्सी की दौड़ में शामिल हैं।

युवा पीढ़ी के भाजपाई और कांग्रेसी पार्षद की बनाने की जुगत में

भाजपा और कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता द्वारा पार्षद की दौड़ में शामिल हैं, दोनों दलों के बहुत से कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी अपनी मजबूत दावेदार पेश करने की बात सामने आ रही है, पुराने पार्षदों की जगह अब इन नव नियुक्त पदाधिकारियों और कार्यकताओं ने पार्षद बनाने की होड़ लगी हुई है। लेकिन यह तो समय पर ही पता चलेगा कि की किसकी कितनी मजबूत दावेदार हैं।


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