तो क्या पूर्व विधायक पर भरी पड़ रहें शिव ठुकराल के खेमे में शिव की सेंध धीरे धीरे हों रहा है पूर्व विधायक का मजबूत किला ध्वस्त

ख़बर शेयर करे -

रुद्रपुर – भाजपा को बागी तेवर दिखाना पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को भरी पड़ता जा रहा है, ठुकराल के मजबूत क़िले में मौजूदा विधायक शिव अरोरा सेंध लगाने में लगातार सफल हो रहें हैं, शिव की चाणक्य नीति के आगे पूर्व विधायक का हर प्रयास धराशाई हो रहा है, दरअसल बीते विधानसभा चुनावों में बीजेपी से टिकट न मिलने पर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने पार्टी के खिलाफ जमकर हल्ला बोला था, इतना ही उन्होंने जिन महारथियों के बलबूते निर्दलीय प्रत्याशी के तौर विधानसभा चुनाव लडा था,

अब उन्होंने ने पूर्व विधायक से किनारा करना उचित समझा और मौजूदा विधायक शिव अरोरा की चाणक्य नीति से प्रेरित होकर ठुकराल का पाला छोड़कर शिव की टीम में बल्लेबाजी करने का फैसला किया है, पूर्व विधायक ठुकराल के निजी प्रवक्ता आशीष छाबड़ा और उनके बेहद नजदीक मित्तल ने पुर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को ठेंगा दिखा दिया है, उन्होंने मौजूदा विधायक शिव अरोरा की टीम में पलटी मार ली, इससे पहले पूर्व विधायक के खेमे के कुछ दिग्गजों ने विधायक शिव अरोरा की टीम में वापसी की थी, जिसके बाद शहर में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल का कुनबा कम होता जा रहा है,

पूर्व विधायक के जन्म दिवस पर भाजपा में वापसी किया गया था दावा

पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने अंदरुनी तौर पर बीजेपी में जाने की जुगत भिड़ाई थी, जिसके बाद उनके समर्थकों ने दावा किया था कि ठुकराल अपने जन्म दिन पर भाजपा में वापसी करेंगे, लेकिन उनके इन मंसूबों पर उस वक्त पानी फिर गया जब उनके रास्ते में विधायक शिव अरोरा और बीजेपी सांसद लाकेट चटर्जी दिवार बनकर आ गये, दरअसल पूर्व विधायक ने भाजपा में शामिल होने का रास्ता बना लिया था, लेकिन जब इस बारे में विधायक शिव अरोरा और सांसद लाकेट चटर्जी को पता चला तो उन्होंने उन्होंने पूर्व विधायक के रास्ते में कांटे बिछा दिए, जिसके बाद फिर एक बार ठुकराल को पार्टी से दूर रहना पड़ा,

विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक को बताया था भलाल देव

दरअसल विधानसभा चुनाव में जब ठुकराल को भाजपा से निलंबित कर टिकट नहीं दिया गया था, तो उनकी जगह बीजेपी ने उस समय के पार्टी के जिलाध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे विधायक शिव अरोरा पर भरोसा करते हुए दाव लगाना बेहतर समझा और उन्हें अंतिम क्षणों में उम्मीदवार घोषित कर दिया, जिसके बाद पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था, उन्होंने जमकर शिव अरोरा के खिलाफ बयान बाजी करते हुए उन्हें भलाल देव की उपाधि तक दे डाली थी, और आजाद उम्मीदवार के तौर पर सीटी चुनाव चिन्ह से चुनाव लडा इन चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ जिसमें बीजेपी से शिव अरोरा, कांग्रेस कमेटी से श्रीमती मीना शर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी राजकुमार ठुकराल के बीच टक्कर हुई, लेकिन इन चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार शिव अरोरा ने जीत दर्ज कराई, उन्हें मुस्लिम समुदाय से मत मिले थे, जिसके बाद पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कई महीनों तक चुप्पी साध ली, फिर अचानक उन्होंने सक्रिय राजनीति में हलचल मचा दी, उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक शिव अरोरा सहित जनपद ऊधम सिंह नगर के कप्तान डा मंजूनाथ टीसी पर गंभीर सवाल खड़े किए थे, बहुत से मामलों को लेकर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने जमकर हल्ला बोला था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी, एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सदन में नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्या, जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा, महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ मंच साझा किया था, जिसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली थी, लेकिन उन्हें उस समय बड़ा झटका लगा जब उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती मीना शर्मा ने उनके इन मंसूबों पर पानी फेर दिया था, मीना शर्मा ने साफ कहा था कि वह ठुकराल को किसी भी तरह कांग्रेस कमेटी में शामिल करने के पक्ष में नहीं है,

तो क्या धीरे धीरे ठुकराल का किला ध्वस्त कर रहे हैं विधायक शिव अरोरा

विधायक शिव अरोरा ठुकराल के मजबूत क़िले की दीवारों को धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं, उन्होंने ठुकराल के इस किले की मजबूत बुनियादों को अंदर से कुरेदने का काम किया है,कभी ठुकराल के दरबार के सिपाहसलार अब उनके दरबार को त्याग कर शिव दरबार के रत्न बन गए हैं , मसलन ठुकराल के दरबार की चमक फीकी पड़ गई है, इसलिए रोशनी से जगमग शिव के दरबार का रुख अख्तियार करने वाले आशीष छाबड़ा और मित्तल ठुकराल के साथ खड़े होने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है। इसलिए उन्होंने विधायक शिव अरोरा का दमन थाम लिया है।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


ख़बर शेयर करे -