पशु क्रूरता रोकथाम और मानव एवं पशुओं के बीच संघर्ष को मिटाने के लिए अभिमान

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(बेजुबान जानवरों के साथ क्रूरता करने पर जाना पड़ सकता है जेल)

एम सलीम खान ब्यूरो प्रमुख

रुद्रपुर – एनिमल एक्टिविस्ट प्रथम बिष्ट ने पशुओं पर हो रही लगातार क्रूरता और जागरूकता की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जीवन को बरकरार रखने के लिए जानवरों और मनुष्यों के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह खाद्य श्रृंखला और इको सिस्टम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

 

मानव ने पृथ्वी पर मौजूद कई प्राणियों और प्राकृतिक तत्वों का शोषण किया है, जिससे कई प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं और कुछ विलुप्ति के कगार पर हैं। यदि इन सभी मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन भी समाप्त हो सकता है। इसलिए हमें जीव जंतुओं, पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के साथ संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के पशु जनसंख्या नियंत्रण नियम 2021 के प्रावधानों को पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियमावली, 2023 से संशोधित किया है। इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कुत्तों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं छोड़ा जा सकता है। मौजूदा नियमों के अनुसार, आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम संबंधित स्थानीय निकायों/नगर पालिकाओं/नगर निगमों और पंचायतों द्वारा चलाए जाते हैं।

रुद्रपुर में काफी संघर्ष के बाद एबीसी सेंटर लाया गया, जो पशु प्रेमियों की सफलता है। ह्यूमन सोसाइटी ऑफ इंडिया नगर निगम के साथ मिलकर इस कार्य को कर रही है, जिससे मानव और जीव संघर्ष कम होगा और जनसंख्या भी नियंत्रित रहेगी।

पहले, सही मानक न होने के कारण संतुलन जीव कल्याण नाम की संस्था का टेंडर निरस्त किया गया और ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया, क्योंकि उन पर पशु क्रूरता के मामले पंजीकृत थे। एक्टिविस्ट प्रथम बिष्ट को इस मामले की सूचना मिली और उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की।

पशु कल्याण बोर्ड, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर जिले में राज्य पशु कल्याण बोर्ड और जिला सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (डीएसपीसीए) की स्थापना और पुनर्गठन के लिए नियमित रूप से संबोधित कर रहा है। गोवंश अधिनियम का पालन करने के लिए भी जागरूकता फैलाई जा रही है। कोर्ट ने गोवंश संरक्षण अधिनियम 2007 की धारा 7 के तहत सड़क, गली और सार्वजनिक जगह पर पशुओं के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता और ग्राम प्रधानों को सुनिश्चित करने को कहा है कि सड़क पर कोई भी आवारा पशु न घूमे।

जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन रुद्रा कांटीनेंटल होटल में किया गया था, जिसमें पशु प्रेमी और वालंटियर्स शामिल हुए। ह्यूमन सोसाइटी ऑफ इंडिया से मिशी अग्रवाल और सुचित्रा रावत ने पशुओं पर हो रही क्रूरता के लिए एक सेशन का आयोजन किया, जिसमें क्रूरता रोकथाम के लिए कानून और जागरूकता के बारे में जानकारी दी गई।

अभियान में उपस्थिति रही किरण कार्की, अल्का सिन्हा, अंजना चौहान, प्रथम बिष्ट, सुशील भट्ट, हिमांशु, सरिता ठाकुर, खेरातिलाल चुग्घ, विमला, अकांशा, आदि उपस्थित थे।


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