हल्द्वानी – (ज़फर अंसारी) पटवारी ने जमीन पर रकबा शेष न होने की रिपोर्ट पेश की लेकिन फिर भी जमीन का रकबा शेष निकल गया, जमीन का दाखिल खारिज भी चल गया पर कैसे…इस मामले ने पिछले कुछ दिनों से तूल पकड़ रखा है मगर अधिकारी केवल जांच करने की बात ही कहते नजर आ रहे हैं यह विवाद देवलचौड़ बंदोबस्त से जुड़ी एक भूमि का है जहां पत्रकारों को जानकारी देते हुए आलोक अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने बृज मोहन कोहली से जमीन खरीदी थी जिसकी रजिस्ट्री उनके पिता सुशील कुमार के नाम पर है,
वहीं कोहली द्वारा ही किसी और को भी जमीन बेची गई है जिसमें पटवारी के जांच उपरांत कोई भी रकबा शेष नहीं पाया गया था तो ऐसे हालातों में कोहली द्वारा चंदर बिष्ट नामक एक शख्स को जो जमीन बेची गई वह पूरी तरह से अंधेरे में रखकर बेची गई है अब चंदर उनकी जमीन को अपना बता रहा है और जमीन कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही अपनी 18 मीटर जमीन को छोड़ वो उनकी 51 मीटर जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। आलोक ने आरोप लगाया कि जिस जमीन पर चंदर अपना हक जता रहे हैं वह पूरी तरह से फर्जी है और इस पूरे मामले में तहसील प्रशासन की मिलीभगत है। वहीं इस पूरे मामले पर जनप्रतिनिधि आनंद सिंह दरमवाल ने भी प्रशासन पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करने का आरोप लगाया है, इधर तहसीलदार सचिन कुमार का कहना है कि ऐसे किसी मामले की शिकायत उनके पास नहीं आई है यदि उन तक कोई शिकायत पहुंचती है तो वे इसकी जांच कराएंगे।