18 बच्चों और बच्चियों ने मुकम्मल किया कुरान मजीद दस्तारबदी का किया गया आयोजन

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गंगोह –: दस्तारबंदी के मौके पर जलसे का आयोजन किया गया। इस दौरान क़ुरआन हिफ़्ज़ (कंठस्थ) करने वाले 18 बच्चों एंव बच्चियों की  दस्तारबंदी की गई।

मदरसे के जिम्मेदार और दूरदराज से आए उलेमाओं ने कुरान की अज़मत पर बयान करते हुवे इस के बताए हुवे रास्ते पर चलने का आह्वान किया।

इस मौके पर क्षेत्रीय और आसपास से आए सैंकड़ो लोगो ने शिरकत की।

मात्र 12 वर्ष की उम्र में कुरआन मजीद हिफ्ज़ मुकम्मल करने पर इंशाअल्लाह पुत्र रागिब राणा को मुबारकबाद देते हुए दुवाओं से नवाजा गया।

कार्येक्रम के आखिर में देश की खुशहाली और तरक्की के लिए दुआ कराई गई।

गंगोह ब्लॉक के गांव कुंडा कलां स्तिथ मदरसा फैजु-उल-उलूम में ब्रहस्पतिवार को गांव के 10 छात्र व 8 छात्रओ को कुरान करीम हिफज मुकम्मल करने पर जलसे का आयोजन किया गया।

दोपहर शुरू हुवे कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत-ए-कुरान से की गई।

कार्यक्रम में जलसे की सदारत कर रहे मौलाना अतहर द्वारा कुरआन मजीद हिफ़्ज़ मुकम्मल करने वाले छात्रों की दस्तारबंदी की गई।

कारी सैयद गुलाम ने कहा दुनावी पढ़ाई के साथ साथ दीनी तालीम भी जरूरी

जलसे को संबोधित करते हुए कारी सैयद गुलाम ने कहा कि दुनावी पढ़ाई के साथ साथ दीनी तालीम पर गौर करना चाहिए, उन्होंने कहा कि हाफिजे कुरान रोज़े कयामत के दिन अपनी सात पुश्तों की बख़्शीश की अल्लाह से गुजारिश करेगा,जिसे अल्लाह काबूल कर लेगा और उनके सारे गुनाह माफ कर उन्हें जन्नत में भेज दिया जाएगा, उन्होंने कुरान मजीद पर रोशनी डालते हुए कहा कि एक बच्चा कुरान मुकम्मल करने एक साल या ज्यादा से ज्यादा डेढ़ साल का वक्त लेता है, जबकि कुछ बच्चे कुरान मजीद को चंद महीनों में पूरा कर लेते हैं, लेकिन क़ुर्बान जाऊं अल्लाह की रहमतों पर मरते दम तक क़ुरान मजीद सीने में हिफाजत से राहत है, बीमारी हो या कुछ भी इंसान इसे नहीं भूलता है, दुनिया के हर मुसलमान के सीनों में कुरान मजीद पेवस्त है,

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उलेमाओं ने अपनी बयान में कुरआन और उसके हिफ्ज़ करने वालों की अहमियत पर रोशनी डालते हुवे सभी छात्र, छात्राओं और उनके परिजनों को मुबारकबाद दी।

सभी उलेमाओं और अन्य लोगों द्वारा मात्र 12 वर्ष की उम्र में हाफिज बने इंशाअल्लाह को खासतौर पर मुबारकबाद दी गई।

मौलाना सादिक चतेला ने कहा कि कुरान पढ़ लेने भर से दुनिया और आख़िरत नहीं संवरने वाली, बल्कि कुरआनी तालीमात पर अमल करना भी जरूरी है।

कहा कि सीने में कुरान की दौलत आ जाने से अपने तर्जे जिंदगी को भी इसी के मुताबिक बदल लें।

लोगों को बुराई से रोकना और भलाई के कामों की तरफ बुलाना अहले ईमान पर फर्ज है।

मौलाना इकराम ने कहा कि कुरान हमें सच बोलने, मजलूम की हिमायत करने और सब्र ओ शुक्र करने की तालीम देता है।

कारी मशकूर ने अपने बयान में कहा कि हाफिज़ ए कुर आन का अल्लाह के यहां बड़ा मुकाम है कुरान पूरी इंसानियत और मुसलमानो के लिए सबसे अजीम नेहमत है,यह क़यामत तक के लिए इंसानों के लिए हिदायत है,कारी लुकमान ने कहा कि दुनिया तक क़ुरान मजीद की हिफाजत की जिम्मेदारी अल्लाह ने अपने जिम्मे में ली है।

इसे याद करना बड़े रुतबे की बात है,यह खुशी धन से नहीं बल्कि छात्रों और शिक्षकों की कड़ी मेहनत और अल्लाह के फ़ज़ल से होता है,

मौलाना अकिल ने कहा कि जो बच्चा कुरान को हिफ्ज करता है उसको अल्लाह बेशुमार इनामों से नवाज़ता है, उन्होंने कहा कुरान मजीद को हिफ्ज करने वाले बच्चे के मां-बाप कयामत के दिन अल्लाह उनके सर पर ताज पहनाएगा, जिसकी रोशनी सूरज से भी ज्यादा चमकदार होगी ,

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जलसे की निजामत करीम ने की जलसे के आखिर में तमाम एहले वतन के दुआ मांगी गई,इस दौरान गांव और आसपास से आए दर्जनों लोगों ने जलसे में शिरकत की।


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