द न्यूरो सेंटर में 45 वर्षीय महिला की मौत, गुस्साए परिजनों ने डॉ. सोलंकी की गिरफ्तारी की उठाई मांग

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रुद्रपुर – (एम सलीम खान संवाददाता) शहर के नैनीताल रोड़ दशमेश नगर द्वार पर स्थित द न्यूरो सेंटर में उस वक्त खासा हंगामा खड़ा हो गया जब इलाज के दौरान एक 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जानकारी के मुताबिक मूल रूप से आनन्द खेड़ा दिनेश पुरोहित की रहने वाली मौजूदा निवासी शारदा कालोनी डिबडिबा कौशलगज थाना बिलासपुर जनपद रामपुर उत्तर प्रदेश में किराए के मकान में रहने वाली विशुका शिकारी पत्नी रंजीत शिकारी को 22 अगस्त को अचानक चक्कर आ जाने की वजह से द न्यूरो सेंटर नैनीताल रोड निकट दशमेश द्वार में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

डाक्टर रणवीर सिंह सोलंकी मृतक महिला चैकअप किया और बताया गया कि महिला के दीमाग में सूजन आ गई है, इसलिए उनकी एम आईं आर करना होगा, और उनकी पत्नी को इलाज के लिए भर्ती कर लिया लेकिन महिला को यह कहते हुए निजी वार्ड में रखा गया ओपीडी में भर्ती कर उन्हें आई सी यू में भर्ती किया गया, परिजनों के मुताबिक डॉ रणवीर सिंह सोलंकी और उनके अधिनस्थ स्टाफ की पूरी लापरवाही के चलते उनकी पत्नी की मौत हो गई और 23 अगस्त को दोपहर 1 बजे महिला की मौत हो गई।

जब परिजनों ने महिला की मौत की वजह जानने की कोशिश की अस्पताल स्टाफ ने उनके साथ और अन्य परिजनों के साथ गाली गलौज करते हुए धमकी दी, और कहा कि अगर तुम लोगों अस्पताल से बाहर नहीं निकलते तो तो तुम लोगों को सबक सिखाया जाएगा, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अस्पताल का बिल थमा दिया, और कहा कि बिल जमा कर दो वरना झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा, मामले की सूचना मिलने पर समाजसेवी सुशील गावा, सुब्रत कुमार, नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोनिका ढाली, एडवोकेट संजय आईस सहित दर्जनों लोग मौके पर पहुंच गए और अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए।

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इस दौरान गुस्साए लोगों ने कहा कि द न्यूरो सेंटर में एक साल में पांच मौतें हो चुकी है लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने आज तक इस अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, लोगों ने कहा कि जब तक डा रणवीर सिंह सोलंकी को गिरफ्तार नहीं कर लिया और अस्पताल को सीज नहीं किया जाताहै।

इस दौरान थाना ट्रांजिट कैंप पुलिस गुस्साए लोगों को समझने का प्रयास करती रही लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी और अपनी बात पर अडिग रहे, इसी बीच थाना ट्रांजिट कैंप के प्रभारी निरीक्षक मोहन चंद्र पांडेय ने पीड़ित परिवार से तहरीर लेकर मामले की जांच का भरोसा दिलाया लेकिन गुस्साए लोगों ने कहा कि पहले डाक्टर रणवीर सिंह सोलंकी को गिरफ्तार किया जाए और अस्पताल को सीज किया जाए,इस दौरान अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी होती रही।

विधायक और मेयर की अनदेखी पर भड़के बंगाली समाज के जनप्रतिनिधि

घंटों तक अस्पताल के बाहर धरने प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा, इस दौरान तमाम मीडिया ने अपने सोशल मीडिया पर इस खबर का लाइव प्रसारण किया, लेकिन शहर विधायक शिव अरोरा और मेयर विकास शर्मा के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, दोनों जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से ग़ुस्साए लोगों ने विधायक शिव अरोरा और मेयर विकास शर्मा के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली, बंगाली समाज के जनप्रतिनिधियों का कहना था कि बंगाली समाज के मतों पर नेतागिरी करने वाले विधायक शिव अरोरा और मेयर विकास शर्मा ने इस मामले चुप्पी साध ली है और अपने आलीशान आफिसों में बैठकर तमाशा देख रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि बंगाली समाज के हितों की नौटंकी करने वाले दोनों जनप्रतिनिधि खामोश क्यों है, एडवोकेट संजय आईस और सुब्रत कुमार विश्वास ने कहा कि बंगाली समाज को वोट बैंक समझने विधायक शिव अरोरा और मेयर विकास शर्मा को बंगाली समाज के मतों से करज है और उनके परिवार से किसी तरह का कोई सरोकार नहीं है सुब्रत कुमार विश्वास ने कहा कि बंगाली समाज के हितों के बड़े बड़े दावे करने वाले विधायक शिव अरोरा और मेयर विकास शर्मा ने एक बंगाली समाज की मृतक पर अफसोस तक नहीं जताया इससे दोनों की पोल खुल गई है।

और बंगाली समाज अपनी अनदेखी का एहसास आगमी विधानसभा चुनाव में कराएगा, इस दौरान पार्षद गौरव बेहड, पार्षद जितिन शर्मा,आप नेता धर्मेंद्र सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मोनिका ढाली, पूर्व मेयर प्रत्याशी मोहन लाल खेड़ा, श्याम सुंदर, मंजू हल्दार,शिखा विश्वास, बबीता विश्वास, अमित राय, संजय राय, उर्मिला राय, नेहा सरकार, पूजा हल्दार स्वीटी मंडल, सुष्मिता सरकार मुकेश कुमार, सविता राय, दीपिका मंडल, वैशाली बछाड, दिव्या मलिक, हरदेव सरकार सहित दर्जनों लोग धरने पर बैठे हुए थे।


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