
हरिद्वार – (एम सलीम खान संवाददाता) पावन नगरी हरिद्वार में जमीन घोटाले के बाद सस्पेंड किए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के बाद हरिद्वार जिले की कमान नव नियुक्त जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को सौंपी गई है।
डीएम दीक्षित ने कार्यभार ग्रहण करते ही बड़े स्तर पर हरिद्वार में लंबे समय से ठीके अधिकारियों का तबादला किया है, इस बड़े फैसले से साफ जाहिर है कि नव नियुक्त जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सरकारी कामकाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त करने के मुड़ में नहीं है।
इसका पुख्ता सबूत यह तबादले है 9 जून को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनपद में अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए हैं , डीएम दीक्षित ने हरिद्वार के सात रजिस्ट्रार, कानून गो, और 39 पटवारी व लेखपालों के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने इस मामले जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह के निर्देश के अनुसार कार्यों में और अधिक पारदर्शिता व निष्पक्षता लाने के लिए कर्माचारियों की दक्षता और संतुलन बनाए रखने अनुभव और विकास के समान अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही प्राशसनिक अमले को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिले में यह तबादले किए गए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार और उत्तराखंड ट्रांसफर अधिनियम के अनुपालन में पांच सालों से एक ही तहसील में लंबे समय से ठीके रजिस्टार कानूनगो का तबादला किया गया है इसके अलावा 36 राजस्व उप निरीक्षकों और लेखपालों का भी तबादला किया गया है इन्हें दूसरी तहसीलों से संबंधित किया गया है।
जिलाधिकारी दीक्षित ने आदेश दिये है कि जनपद में अन्य महकमों के जिला स्तरीय कार्मिकों के भी तबादले की कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी और चार साल से अधिक समय से एक ही विकास खंड में जमें विकास खंड अधिकारियों और वीपीडीयो आदि का भी तबादला अन्य विकास खंडों में किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

