आखिर कौन है प्रिंस धवन जिसके सामने सत्ता पक्ष के विधायक और सरकार सहित जिला प्रशासन ने टेक दिए हैं घुटने आखिर क्यों?

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ऊधम सिंह नगर – (एम सलीम खान ब्यूरो) सिडकुल पंतनगर में स्थित डोल्फिन कंपनी के मजदूरों ने करीब एक महीने 7 दिन से इस कंपनी में श्रम कानूनों को लागू करने के लिए आमरण अनशन शुरू कर रखा है, इस आंदोलन में चार महिलाएं भी पूरे हौसले से डटी हुई है, जिनकी हालत बिगड़ने पर स्थानीय प्रशासन ने उन्हें रुद्रपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था,इन चारों महिलाओं ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी अपनी भूख हड़ताल से मुंह नहीं मोड़ा और अस्पताल में भर्ती होने के बाद इनकी भूख हड़ताल जारी है।

जबकि इन महिलाओं की हालत बद से बद्तर होती जा रही है , वहीं हैरानी इस बात की है हमारे जिले के जिम्मेदार अफसरों को इसकी कोई चिंता नहीं है, बल्कि अगर यू कहे तो बेहतर होगा कि जिला प्रशासन डोल्फिन कंपनी के तथाकथित प्रबंधक प्रिंस धवन को मानव बलि देने का मन बना चुका है, पिछले बहुत से दौर की हुई वार्ता लगातार असफल हो रही है।

जिसके बाद अभी दो दिन पहले ही शहर के भारतीय जनता पार्टी के रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने स्वयं आमरण अनशन पर पहुंच कर इन श्रमिकों को न्याय दिलाने में पहल की और ज़िले के अपर जिलाधिकारी प्रशासन/नजूल पंकज उपाध्याय और श्रम विभाग के उप श्रमायुक्त केके गुप्ता को कंपनी प्रबंधन को बुलाकर समझौता करने के निर्देश दिए थे, लेकिन वहां श्रमिक तो पहुंच गए लेकिन डोल्फिन कंपनी का प्रबंधक प्रिंस धवन वहां नहीं पहुंचा, जिसके बाद फिर एक बार यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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वहीं आपको बता दें कि शहर विधायक शिव अरोरा के हस्तक्षेप के बाद इस मामले के निपटारे के असर बन गये थे, और श्रमिकों के चेहरे भी खिल उठे थे, लेकिन जिला प्रशासन के उदासीन रवैए से यह मामला फिर एक बार टल गया और श्रमिकों का आमरण अनशन जारी रहा, बीते रोज कुछ श्रमिक नेता अस्पताल में भर्ती महिलाओं का हाल चाल पूछने वहां पहुंचे और उन्होंने इन महिलाओं का हौसला बुलंद किया, जिसमें सी एन जी टैम्पो यूनियन के अध्यक्ष सुब्रत कुमार विश्वास, इंकलाब मजदूर केन्द्र के कैलाश भट्ट, दिनेश चन्द्र,आम आदमी पार्टी की महिला ईकाई की जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास शामिल हैं।

इस दौरान वहां मौजूद मीडिया से बातचीत करते हुए सुब्रत कुमार विश्वास ने सरकार और शहर विधायक सहित जिला प्रशासन को लेकर जो कुछ कहा वे बेहद चौकन्ने वाला है, विश्वास ने विधायक शिव अरोरा और जिला प्रशासन को लेकर जो बातें कही वे हैरतअंगेज है, उन्होंने कहा कि जबसे रुद्रपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक शिव अरोरा की जीत हुई है उसी समय से रुद्रपुर का विनाशक दौर शुरू हो गया है, उन्होंने कहा कि रुद्रपुर में ‌शिव अरोरा के विधायक बनने के बाद हजारों लोग बेरोजगार हो गए, उनके आय के साधन उनकी दुकानों को तहस नहस कर दिया, अतिक्रमण के नाम पर दर्जनों लोग बेघर हो गए।

भगवानपुर में बुलडोजर चला और दर्जनों लोग सड़क पर आ गए, शहर में हुए हर बेरोजगार शख्स ने विधायक शिव अरोरा को जमकर कोसा लोगों बेरोजगार हो गए और उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें कोसा और उनके सामने दो जून की रोटी के लाले पड़ गए, उन्होंने कहा कि विधायक शिव अरोरा महज़ अपने जिंदाबाद के नारे लगाते हैं और जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते हैं, उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष का विधायक होने के बावजूद भी जिला प्रशासन ने उनकी बातों को नजरंदाज कर दिया, और डोल्फिन कंपनी के मजदूरों का समझौता नहीं हो पाया।

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जिसके पीछे विधायक और जिला प्रशासन की मिलीभगत है, उन्होंने कहा कि जो लोग कंपनी के मलिक प्रिंस धवन से बड़े और कीमती तोहफे लेते हैं वे लोग इन मजदूरों को न्याय नहीं दिला सकते हैं, उन्होंने कहा कि विधायक जी खुद मौके पर पहुंचे और इन मजदूरों को समर्थन दिया और महज़ कुछ,देर में समझौता करने का आश्वासन दिया, विधायक बताएं कि आखिर क्यों नहीं हो पाया समझौता क्यों उनके निर्देशों जिला प्रशासन और श्रम विभाग से गंभीरता से नहीं लिया, उन्होंने बहुत से गंभीर आरोप विधायक शिव अरोरा और जिला प्रशासन पर लगाए।


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