क्लस्टर स्कूल योजना का विरोध, आइसा ने दी आंदोलन की चेतावनी

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स्कूल बंद करने वाली “क्लस्टर स्कूल योजना” वापस लोग:– आइसा 

छात्र संगठन आइसा ने क्लस्टर स्कूल योजना के विरोध में दी आंदोलन की चेतावनी

लालकुआं – छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) द्वारा आज तहसील लालकुआं में तहसीलदार के माध्यम से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को ज्ञापन दिया गया।

सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत पूरे देश में सरकारी स्कूलों को बंद कर उसकी जगह क्लस्टर स्कूल बनाए जाने का छात्र छात्राओं ने छात्र संगठन आइसा के नेतृत्व में विरोध किया।

तहसील में सभा को संबोधित करते हुए आइसा जिलाध्यक्ष धीरज कुमार ने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में भी लगभग 1488 सरकारी स्कूल बंद करके 559 क्लस्टर स्कूल खोलने की योजना पर काम शुरू कर दिया है सरकार इस योजना को इतना बेहतरीन और जनपक्षीय बता रही है जैसे कि इसको लागू होने के बाद सभी बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे, पर हकीकत में सीधा इसका उलट होने वाला है सीधी बात यह है कि पहाड़ी क्षेत्र में 10 किलोमीटर तथा मैदानी क्षेत्र में 30 किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल होगा तो इतनी लंबी दूरी बच्चे कैसे तय कर स्कूल जाएंगे। दूसरा यह की 1488 स्कूलों के बजाए सिर्फ 559 ही स्कूल होंगे तो फिर कम स्कूलों में ज्यादा छात्र संख्या कैसे हो सकती है?

शिक्षा हर छात्र का मौलिक अधिकार है जिसको देना हर सरकार की जिम्मेदारी है परंतु उत्तराखंड की भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब छात्र–छात्राओं को शिक्षा मिले। उत्तराखंड व पूरे देश में क्लस्टर स्कूल का मतलब है कि गरीब छात्र समुदाय को शिक्षा से वंचित करना इसका दूसरा प्रभाव सीधे तौर पर छात्राओं की शिक्षा पर पड़ेगा जिस तरीके से स्कूल 30 किलोमीटर दूर हो जाएंगे और सरकार महिला अपराध को रोकने में लगातार नाकाम साबित हो रही है क्लस्टर स्कूलों के बनने से लड़कियों की शिक्षा सबसे ज्यादा प्रभावित होगी अभिभावक उनको इतना दूर सुरक्षा के कोई इंतजाम न होने के कारण स्कूलों में नहीं भेजना चाह रहे हैं।

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लालकुआं नगर संयोजक विशाल गौतम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकारी स्कूल बंद होने से प्राइवेट स्कूलों की बाढ़ आ जाएगी और शिक्षा वही ले पायेगा जो प्राइवेट स्कूलों की मोटी फीस भर सकता है, सरकार की क्लस्टर स्कूल योजना से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार बची–खुची शिक्षा का भी पूरी तरह से निजीकरण कर देना चाहती है। किसी भी देश व समाज को विकसित और समृद्ध करने के लिए सबसे जरूरी चीज शिक्षा है यदि सरकारी स्कूलों का बुनियादी ढांचा और शिक्षा व्यवस्था ही नहीं होगी तो फिर देश और समाज कैसे विकसित और समृद्ध होगा?

गरीब वर्ग की शिक्षा के साथ-साथ शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं उन तमाम नौजवानों का भविष्य भी इस योजना के बाद बर्बाद हो जाएगा जिससे कि ज्यादातर सरकारी शिक्षकों के पद इस योजना के बाद समाप्त हो जाएंगे।

इसलिए छात्र-छात्राओं के साथ तमाम युवा छात्र संगठन आइसा के नेतृत्व में क्लस्टर स्कूल बनाए जाने का विरोध करने के साथ ही सरकार से मांग करते हैं कि:

1– क्लस्टर स्कूल योजना पर तुरंत रोक लगाई जाए।

2– सरकारी विद्यालयों में कर्मचारी व शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर पूर्णकालिक भर्ती की जाए।

3– सरकारी विद्यालय में सभी भौतिक संसाधनों की पूर्ति की जाए जिससे छात्रों को असुविधा न हो।

यदि सरकार तत्काल मांगे नहीं मांगती तो बड़ा जनांदोलन किया जाएगा।

ज्ञापन देने वालों में आइसा नैनीताल जिलाध्यक्ष धीरज कुमार, लालकुआं नगर संयोजक विशाल गौतम, अनिता, रानी, सिया, संजना, राखी, नाजिया आदि छात्र छात्राएं मौजूद रहे।


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