रुद्रपुर विधानसभा से अजय भट्ट को मिले सबसे ज्यादा मत,शहर विधायक शिव अरोरा का बढ़ा कद

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एम सलीम खान ब्यूरो

(उत्तराखंड से कांग्रेस का सूपड़ा साफ सभी पांचों सीटों पर करारी शिकस्त)

(आप ही दीदम आप ही मुरीदम बने कांग्रेसी नेता)

(दिग्गज कांग्रेसियों को दरकिनार करने का मिला नतीजा)

(ऊधम सिंह नगर के मतदाताओं को भी नहीं रिझा पाए कांग्रेसी)

(शहर विधायक शिव अरोरा की मेहनत फिर एक कामयाब साबित)

(तो क्या इस्तीफा देंगे जिलाध्यक्ष हिमांशु और शर्मा)

ऊधम सिंह नगर – लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बेहद हैरान कर देने वाले हैं, जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में बड़ा नुक्सान हुआ है, और सपा कांग्रेस को फायदा तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने में सफलता हासिल की है, सतारूढ़ भाजपा ने राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा का परचम लहराया है, वहीं दूसरी तरफ सूबे में कांग्रेस अपना खाता खोलने में फिर एक बार नाकाम साबित हो गई है, अगर बात करें ऊधम सिंह नगर नैनीताल लोकसभा सीट को यहां फिर एक बार निवर्तमान सांसद और केंद्रीय रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने अपनी जीत दर्ज कराई है, भट्ट को रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक मत मिले हैं,जिसे लेकर एक बात साबित हो गई है कि शहर विधायक शिव अरोरा का कब्जा रुद्रपुर विधानसभा में बराकर है, यहां कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी को करारी हार का सामना करना पड़ा है, प्रकाश जोशी कांग्रेस की अंदरुनी खींचतान का शिकार हो गए हैं, दरअसल कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने कांग्रेस के तजुर्बेकार कांग्रेसी नेताओं को दरकिनार करते हुए लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार की कमान खुद संभाली थी, उन्होंने पुराने कांग्रेसियों को इन बड़े चुनावों में पूछा तक नहीं, उनकी इस हरकत से खफा बहुत से कांग्रेसियों ने पार्टी से किनारा कर लिया, और शहर विधायक शिव अरोरा ने चाणक्य नीति अपनाते हुए इन नाराज़ कांग्रेसियों को अपने खेमे में जगह दे दी,जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस पार्टी के पास कार्यकताओं की कमी होने के कारण गावा ने चंद चेहतो को साथ लेकर कांग्रेस के लिए चुनावी प्रचार किया, जो काफी हद तक बेकार साबित हुआ, वहीं महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के उन दावों की पोल भी खुल कर सामने आई जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज है, लोकसभा चुनाव के दौरान बहुत से कांग्रेसियों ने पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, अंदरुनी तौर पर हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा का कड़ा विरोध किया गया था, एक ओर मामला कांग्रेस की हार का जरिया बन गया, दरअसल निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के बीच एक मामले को कहासुनी होने के बाद कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई थी,जिसे लेकर कांग्रेसियों ने इस मामले को लेकर पुलिस कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन इसके दूसरे दिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने बिना किसी कार्यकर्ता को अहमियत देते हुए मेयर रामपाल से बंद कमरे में राजीनामा कर संगठन के कार्यकर्ताओं को ख़फ़ा कर दिया था, जिसके बाद बड़े स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संगठन से दूरी बना कर इन नेताओं पर आरोप जड़े थे,जिसका नतीजा यह हुआ कि उत्तराखंड में कांग्रेस एक डूबता जहाज बन गई, और प्रकाश जोशी ने भाजपा के हाथों करारी हार मिली है।


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