बांग्लादेश मे हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर उत्तराखंड में फूटा ग़ुस्सा देश की राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा

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रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो अत्याचारों को लेकर आज रुद्रपुर में आक्रोश और धरने प्रदर्शन किया गया, रुद्रपुर के गांधी पार्क में आयोजित इस रैली में हिंदू संगठनों से जुड़े तमाम लोगों सहित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।

यह आयोजित जनसभा को संबोधित करते तमाम वक्ताओं ने बांग्लादेश में हो अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ नरसंहार को गर्जना भरते हुए भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए वहां भारतीय सेना को भेजने को मांग को पुरजोर उठाया, वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हमारी बहन बेटियों के साथ जो नरसंहार किया जा रहा है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है, बांग्लादेश में बहन बेटियों की आबरु को तार तार किया जा रहा है।

हिन्दू अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को खंडित करने का काम किया जा रहा, वहां के हिंदू समाज की सम्पत्ति को जबरन कब्जा किया जा रहा है, मंदिरों को तोड़ने का काम किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि अब ओर इस नरसंहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, इसलिए भारत सरकार को बांग्लादेश से सभी संबंध खत्म कर वहां भारतीय सेना को भेज कर शांति व्यवस्था कायम करनी चाहिए, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचारों को अंजाम दिया जा रहा है।

इसके लिए भारत के मुसलमानो को बांग्लादेश का विरोध करना चाहिए ताकि वहां तक भारतीय मुसलमानो का संदेश पहुंचे कि भारत के मुसलमान भी बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों को लेकर चिंतित हैं, उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने वहां रह रहे हिन्दू अल्पसंख्यकों के साथ जो बर्ताव किया और कर रहा है इसमें वहां की यूनूस सरकार पूरी तरह शामिल हैं, बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा वहा रहने वाले अल्पसंख्यकों हिंदूओं को जो कुछ भी किया जा रहा है उससे पूरा विश्व भली-भांति परिचित हैं।

इसलिए इस मामले को अंत्तराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाने की भारत सरकार को पहल करनी चाहिए, वहीं भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा ने कहा हमारे देश में विभिन्न समुदायों को एक समान अधिकार प्राप्त है,खास कर भारत में अल्पसंख्यकों को एक समान अधिकार प्राप्त है, इसी तरह बांग्लादेश में भी अल्पसंख्यक हिंदुओं को एक समान अधिकार मिलने चाहिए, नहीं तो बांग्लादेश को दो हिस्सों में बांट कर एक हिस्सा अल्पसंख्यक हिंदुओं को दे देना चाहिए ताकि वो भी अपने अधिकारों से बेहतर जीवन व्यतीत कर सके, उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू के धार्मिक स्थलों को खंडित किया जा रहा है, हमारी संस्कृति को मिटाने का काम किया जा रहा है।

हमारी बहन बेटियों का शारीरिक शोषण किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि भारत में जिस तरह अल्पसंख्यक एक समान रहते हैं उसी तरह बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों को रहने के अधिकार मिलने चाहिए,आर एस एस के जिला प्रमुख विशाल खेड़ा ने कहा कि मानवधिकार मंच ऊधम सिंह नगर के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, और देश की राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया है, ज्ञापन में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचारों और उनके संवैधानिक व अंतराष्ट्रीय अधिकरो के उल्लघंन पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की गई है, ज्ञापन में कहा गया कि जनपद ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड के नागरिक, मानवाधिकार मंच के अंतर्गत बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों और मानवाधिकार हनन की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए यह ज्ञापन प्रस्तुत किया जा रहा है।

जिसमें बांग्लादेश में हिन्दू, बौद्ध, ईसाई अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के अत्याचारों का लगातार शिकार हो रहे हैं, धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं,, जहां 59 प्रतिशत हिंसा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाती है और 69 मंदिरों व अन्य पूजा स्थलों पर अनुष्ठानों के दौरान हमले किए गए हैं, कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ धर्मांतरण अपहरण और बल्तकार जैसी घटनाएं आम हो गई है, बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित जीवन से वंचित किया जा रहा है, इसके साथ ही सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का व्यवस्थित विनाश किया जा रहा है,यह स्थिति बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 27,28,31,41 और 42 का उल्लघंन है, जो कानून के समक्ष समानता धार्मिक स्वतंत्रता और सम्पत्ति के अधिकार की गारंटी देता है , इसके अलावा यह अंतराष्ट्रीय कानूनों जैसे सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र (UDHR,1948) और अंतराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकार संधि (I C C PR, 1966) का गंभीर हनन है, मानवाधिकार मंच ने इस ज्ञापन में कहा कि हम चाहते हैं कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाएं, भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र और अंत्तराष्ट्रीय समुदाय के माध्यम से यह सुनिश्चित करे कि बांग्लादेश सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए, संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वतंत्र जांच आयोग गठित किया, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और अन्य अंत्तराष्ट्रीय निकायों द्वारा एक स्वतंत्र जांच आयोग गठित किया जाए जो बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष जांच और विस्तृत जांच करें, अपाराधियो पर कठोर कार्रवाई, बांग्लादेश सरकार यह सुनिश्चित करें कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव में शामिल कट्टरपंथियों को न्याय के दायरे में लाया जाए और उन्हें कठोर सजा से दंडित किया जाए, पुनर्वास और मुआवजा, हिंसा और उत्पीड़न से प्रभावित अल्पसंख्यक समुदाय को पुनर्वास के लिए बांग्लादेश सरकार विशेष योजनाएं बनाएं और उनके आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की जाएं, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ कट्टरपंथियों द्वारा जबरन धर्मांतरण अपहरण और हिंसा को रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार प्रभावी कदम उठाए, महिलाओं और बाल दमन निवारण अधिनियम (2000) और अन्य प्रासंगिक कानूनो का कठोरता से पालन सुनिश्चित किया जाए, ज्ञापन लेने जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के प्रतिनिधि के तौर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज उपाध्याय पहुंचे,इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले में राजेंद्र सिंह मेहरा कार्यक्रम संयोजक, महंत विक्रमजीत सिंह,आनादी वन्दन दास, भाजपा नेता अमित नारंग, भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, विधायक शिव अरोरा , पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, विशाल खेड़ा,विजय बहादुर,समरपाल सिंह, नीरज अग्रवाल, राजकुमार, शंकर विश्वास, दर्जा मंत्री उत्तम दत्ता, राजपाल सिंह, सुनील यादव, अमित कक्कड़, श्रोता शर्मा पूर्व पार्षद शलीनी बोरा, देवभूमि व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह,किरन विर्क,, व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष संदीप राव, अनिता बैरागी, शिवनंद महाराज, दीपक कुमार, सुनील ग्रोवर, धनिया राय,दलीप अधिकारी, ममता बनर्जी, सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।


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