सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को दी सुख-समृद्धि के प्रतीक उत्तराखण्ड के पौराणिक लोकपर्व हरेला पर्व की शुभकामनाएँ और बधाई

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सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को दी सुख-समृद्धि के प्रतीक उत्तराखण्ड के पौराणिक लोकपर्व हरेला पर्व की शुभकामनाएँ और बधाई

एम सलीम खान ब्यूरो प्रमुख ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड

प्रिय प्रदेशवासियों,

आप सभी को हरियाली व सुख-समृद्धि के प्रतीक उत्तराखण्ड के पौराणिक लोकपर्व हरेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ – मुख्यमंत्री धामी

विश्व पर्यावरण दिवस पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा शुरू किया गया *”एक पेड़ माँ के नाम”* अभियान आज देश एवं पूरे विश्व को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मे एक नई दिशा प्रदान कर रहा है।

आइये, प्रकृति पूजन और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित *,,लोक पर्व*,, हरेला की परंपरा को आगे बढ़ाने व प्रकृति को हरा-भरा बनाने का संकल्प लें और *”एक पेड़ माँ के नाम“* अभियान से जुड़कर अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण कर पर्यावरण को हरा-भरा बनाएँ।

एक बार पुनः आप सभी को लोकपर्व हरेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

जय हिंद-जय उत्तराखण्ड_

सादर_

पुष्कर सिंह धामी_

मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड_

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि यह पर्व उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण की हमारी परंपरा का प्रतीक है। हरेला न केवल हरियाली और समृद्धि का संदेश देता है, बल्कि हमें पर्यावरण की देखभाल के प्रति जागरूक भी करता है।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दें। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जन सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें अपने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।

उत्तराखंड_राज्य की ऊर्जा और नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की की गई समीक्षा

उत्तराखंड – केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की ऊर्जा और नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में भारत सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास के उच्चाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव सहित राज्य के संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री को प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों से अवगत कराते हुए कहा कि 2123 मेगावाट क्षमता की अलकनंदा एवं भागीरथी तथा उनकी सहायक नदियों पर विशेषज्ञ समिति द्वारा 21 जल विद्युत परियोजनाओं पर संस्तुति प्रदान की गई है। जिसमें 771 मेगावाट की 11 परियोजनाओं पर किसी भी संस्था द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है तथा कुल 1352 मेगावाट क्षमता की 10 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु विशेषज्ञ समिति-2 द्वारा संस्तुति प्रदान की गई है, उन्होंने इस परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सकारात्मक निर्णय लिये जाने के साथ अनुमोदन प्रदान किये जाने की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जल विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत ही उपयोग किया जा रहा है। राज्य को कुल चिन्हित 45 जल विद्युत परियोजनाओं में से पर्यावरण के दृष्टिगत 24 परियोजनाएं छोड़ दी गई है। जबकि 21 परियोजनाओं के लिये समिति द्वारा संस्तुति दी जा चुकी है।

केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री धामी को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र ही दिल्ली में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऊर्जा एवं जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी।

 

मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय मंत्री से यह भी अपेक्षा की कि राज्य की वर्तमान एवं दीर्घकालिक बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत 1320 मे०वा० क्षमता के कोल आधारित विद्युत परियोजना के निर्माण हेतु कोल लिंकेज का त्वरित आवंटन किया जाना भी राज्य हित में होगा। साथ ही कोल आधारित परियोजनाओं से राज्य की बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति हेतु 600 मेगावाट का अतिरिक्त आवंटन किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखी।

इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत संरचनाओं के मुआवजे हेतु प्रचलित मापदण्डों के स्थान पर विद्युत संरचनाओं के पुर्ननिर्माण में हुए वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति किये जाने का भी अनुरोध किया।

 

केन्द्रीय मंत्री द्वारा बैठक में निर्देश दिये गये कि राज्य की ऊर्जा जरूरतों और इस क्षेत्र में सुधार से संबंधित प्रस्तावों के साथ शहरी विकास से संबंधित प्रस्तावों को केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जाय। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य हित से जुड़े सभी विषयों पर त्वरित कार्यवाही का भी आश्वासन दिया।

 

इससे पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूडी एवं अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन के साथ शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव सुश्री डी.तारा, एस.पी.सिंह तथा संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय शशांक मिश्रा और अफजाल, सचिव ऊर्जा आर.मीनाक्षी.सुन्दरम, सचिव चन्द्रेश यादव, अपर सचिव नितिन भदौरिया के साथ हुई बैठक में भी राज्य से संबंधित योजनाओं पर आपसी चर्चा की गई।

 


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