सीएम धामी ने अजमेर राजस्थान स्थित अखिल भारतीय उत्तराखंड धर्मशाला तीर्थराज पुष्कर के द्वितीय तल का किया लोकार्पण

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देहरादून/राजस्थान – (एम सलीम खान संवाददाता) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अजमेर राजस्थान में स्थित अखिल भारतीय उत्तराखंड धर्मशाला आश्रम तीर्थराज पुष्कर के द्वितीय तल का लोकार्पण किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि तीर्थराज पुष्कर ही इस तपोवन भूमि पर उपस्थित होना उनके लिए अत्यंत सौभाग्य एवं प्रसन्नता का विषय है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में पुष्कर कुरुक्षेत्र हरिद्वार गया और प्रयाग को पंचतीर्थ के रूप में वर्णित किया गया है इनमें सभी ब्रह्माजी की यज्ञस्थली पुष्कर को समस्त तीर्थों का गुरु कहा गया, पुष्कर केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि सनातन संस्कृति की अनश्वर ज्योति है जो मानवता को सदैव धर्म तप त्याग सद्गुणों के पथ पर चलने की प्रेरणा देती रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भावुक होते हुए बताया कि संभवतः इसी आत्याधात्मिक महिमा और आभा से प्रेरित होकर उनके माता-पिता ने उनका नाम पुष्कर रखा, उन्होंने आयोजन समिति और प्रवासी उत्तराखंण्डियो का धन्यवाद करते हुए कहा कि राजस्थान में नहीं बल्कि देवभूमि के अपने परिजनों के बीच होने का अनुभव कर रहा हूं।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह धर्मशाला आने वाले समय में श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रम स्थल बनने के साथ साथ उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रम स्थल बनने के साथ साथ उत्तराखंड और राजस्थान के बीच सांस्कृतिक आत्याधात्मिक और सामाजिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करेगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सनातन संस्कृति विश्व पटल पर नयी पहचान बना रही है।

उत्तराखंड सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारखड एवं मानसखड मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण श्री कृष्ण यमुना तीर्थ सर्किट हरिद्वार ऋषिकेश कारिडोर शारदा कारिडोर सहित अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य कर रही है इसके साथ ही दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्ट्डीज की स्थापना भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र भूमि के मूल स्वरूप की रक्षा हेतु राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं, कड़े कानून बनाकर घृणित मानसिकताओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जों को चिन्हित कर 10 हजार एकड़ से अधिक भूमि को मुक्त कराया गया है।

देश में सबसे पहले यूसीसी लागू की गई प्रदेश में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड समाप्त किया गया, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य देवभूमि में अलगाववादी सोच नहीं बल्कि ज्ञान और संस्कार के मंदिर स्थापित करना है, मुख्यमंत्री ने उपस्थित उत्तराखंडिण्यो का आव्हान किया कि वे जहां भी रहे अपने राज्य की संस्कृति और पूर्वजों की गौरवशाली परंपरा को सदैव गर्व के साथ आगे बढ़ाए।

उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि उत्तराखंड को देश की अत्याधिक राजधानी बनाएं कार्यक्रम के दौरान यह भी उल्लेख किया गया कि आश्रम के निर्माण हेतु उत्तराखंड सरकार द्वारा एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि प्रदान की गई थी जिसके लिए मुख्यमंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।


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