कहीं जिले में कमजोर नेतृत्व का शिकार न हो जाए कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी

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(कमजोर नेतृत्व वाले ने संभाली है चुनावी प्रचार की कमान)

(तजुर्बेकार नेताओं की कमी से जूझ रहे हैं प्रकाश जोशी)

(मीना शर्मा कर रही है जान फूंकने के भरसक प्रयास)

लोकसभा चुनाव 2024- ऊधम सिंह नगर नैनीताल से कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी का मार्गदर्शन करने वाले का काफी टोटा है, उनके खेमे में किसी भी तजुर्बेकार कांग्रेसी की एंट्री नहीं है, ऐसे में जिला का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस कमेटी के दाव पेंच की भरी खसी कमी है, हालांकि यह कहना ग़लत होगा कि कांग्रेस के पास मजे हुए नेताओं की कमी है,ऐसा बिल्कुल नहीं है, कांग्रेस के पास चुनावी मैदान में तजुर्बेकार नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन चंद अव्वल दर्जे के नेताओं की अनदेखी का शिकार हुए ये तजुर्बेकार अब खुद तो सामने आने वाले नहीं हैं, क्योंकि जब उनकी जरूरत नहीं समझी जा रही है तो वे क्यों फटे में टांग अड़ाएंगे, वो तो सिर्फ 19 अप्रैल के बाद तमश्बीन बनकर माहौल पर चर्चा करेंगे, कांग्रेस के पास डा अंजय सिंह, अमरनाथ जैन, गोपाल भसीन, साजिद खान, पुष्कर राज जैन, पूर्व पालिकाध्यक्ष नसरीन कुरैशी, जहांगीर कुरैशी, पप्पू शाही, महेंद्र पाल सिंह, नारायण बिष्ट जैसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त मौजूद हैं, लेकिन जिले में खस्त हालत रखने वाली जिला कांग्रेस कमेटी अपने आगे किसी की कोई एहमियत नहीं रखती है, मसलन आप ही दिदान आप ही मुरीदन वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है, ऐसे में इस बात का भरपूर फायदा प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार ले रहे हैं,अब सवाल यह है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड इस मामले पर खामोशी इख्तियार किए हुए हैं, हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी के चुनावी प्रचार प्रसार में विधायक तिलक राज बेहड ऐडी से चोटी का जोर लगा रहे हैं, राज्य और केंद्र सरकार को बहुत से बड़े मुद्दों पर घेर रहे हैं,बेहड स्थानीय मतदाताओं के संपर्क में बने हुए हैं, उनके द्वारा तूफानी दौरे भी किए जा रहे हैं, भाजपा की गारंटी को जनता को धोखे में रखने वाली बता रहे हैं, वहीं उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा भी अपने आंखें किसी ऐसे गांव में खोल रही है जब वो लोगों से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील करती है,ऐसी स्थिति में उत्तराखंड कांग्रेस के मुखिया करन मेहरा को भी गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि इसके परिणाम बेहद घातक साबित हो सकतें हैं।


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